January 19, 2025

Board Exam 2025 : ओपन बुक परीक्षा से छात्रों को मिलेगी बड़ी राहत! 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए 2 नए नियम लागू

Board Exam 2025 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। ये नए नियम 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों पर लागू होंगे और इनका उद्देश्य छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और उनके समग्र विकास को बढ़ावा देना है। इस लेख में, हम इन नए नियमों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि ये कैसे छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

Board Exam 2025 : नए नियमों का सारांश
नियम विवरण

न्यूनतम उपस्थिति : 75% उपस्थिति अनिवार्य
कौशल-आधारित प्रश्न : 50% प्रश्न कौशल और क्षमता आधारित
आंतरिक मूल्यांकन : कुल अंकों का 40% आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित
पाठ्यक्रम में कटौती : पाठ्यक्रम में 15% तक की कटौती
ओपन बुक परीक्षा : कुछ विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान
डिजिटल मूल्यांकन : चुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन
दो सत्र परीक्षा : 2026 से दो सत्र परीक्षा प्रणाली लागू
प्रैक्टिकल परीक्षा : बाहरी परीक्षकों द्वारा प्रैक्टिकल परीक्षा

Board Exam 2025 : न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता
सीबीएसई ने 2025 की परीक्षाओं के लिए न्यूनतम उपस्थिति का नियम लागू किया है। इस नए नियम के अनुसार:

  • 75% उपस्थिति अनिवार्य: छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति होनी चाहिए।
  • गणना: उपस्थिति की गणना 1 जनवरी 2025 तक की जाएगी।
  • विशेष छूट: विशेष परिस्थितियों में, जैसे चिकित्सा आपात स्थिति या खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी, छात्रों को 25% तक की छूट दी जा सकती है।

इस नियम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नियमित रूप से स्कूल आने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। नियमित उपस्थिति से न केवल अकादमिक लाभ होगा, बल्कि यह छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होगा।

Board Exam 2025 : कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि
सीबीएसई ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं में कौशल और क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस बदलाव के अनुसार:

  • 10वीं कक्षा: 50% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे।
  • 12वीं कक्षा: 40% से बढ़ाकर 50% प्रश्न कौशल-आधारित किए जाएंगे।
  • प्रश्न प्रकार: इन प्रश्नों में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) और केस स्टडी शामिल होंगे, जिनका उद्देश्य रटने के बजाय समझ का मूल्यांकन करना होगा।

यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है, जिसमें कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर दिया गया है। इससे छात्रों को वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी।

Board Exam 2025 : आंतरिक मूल्यांकन
सीबीएसई ने आंतरिक मूल्यांकन को भी महत्वपूर्ण माना है। इसके तहत:

  • कुल अंकों का 40%: आंतरिक मूल्यांकन पर आधारित होगा, जिससे छात्रों को अपनी प्रगति को निरंतर मापने का अवसर मिलेगा।
  • परीक्षा प्रणाली: यह प्रणाली छात्रों को नियमित रूप से अपने ज्ञान का परीक्षण करने और सुधारने का मौका देगी।

Board Exam 2025 : पाठ्यक्रम में कटौती
बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि पाठ्यक्रम में 15% तक की कटौती की जाएगी। यह कदम छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने और उन्हें अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा।

Board Exam 2025 : ओपन बुक परीक्षा
कई विषयों में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान किया गया है। इससे छात्रों को अपनी समझ को बेहतर बनाने और रटने के बजाय ज्ञान को लागू करने का अवसर मिलेगा।

Board Exam 2025 : डिजिटल मूल्यांकन
कुछ चुनिंदा विषयों में डिजिटल मूल्यांकन का विकल्प भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह तकनीकी विकास को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिससे छात्रों को आधुनिक तकनीकों के साथ अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

Board Exam 2025 : दो सत्र परीक्षा प्रणाली
सीबीएसई ने घोषणा की है कि 2026 से एक ही शैक्षणिक वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प होगा। इस प्रणाली के तहत:

  • पहली परीक्षा नवंबर-दिसंबर 2024 में आयोजित होगी।
  • दूसरी परीक्षा फरवरी-मार्च 2025 में होगी।
    छात्र दोनों परीक्षाओं में से किसी एक या दोनों में शामिल हो सकते हैं।

इस नए नियम से छात्रों को कई लाभ होंगे:

  • परीक्षा का तनाव कम होगा: यदि छात्र पहली बार अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें दूसरी बार प्रयास करने का मौका मिलेगा।
  • अधिक आत्मविश्वास: यह प्रणाली छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने और बेहतर अंक प्राप्त करने की प्रेरणा देगी।

निष्कर्ष
सीबीएसई द्वारा घोषित ये नए नियम भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हैं। ये परिवर्तन न केवल छात्रों के शैक्षणिक अनुभव को बेहतर बनाएंगे बल्कि उन्हें समग्र विकास के लिए भी प्रेरित करेंगे। हालांकि इन नियमों के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन इनके दीर्घकालिक लाभ निश्चित रूप से इन चुनौतियों से अधिक होंगे।

इन नए नियमों के माध्यम से, सीबीएसई ने शिक्षा को अधिक लचीला और छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो न केवल अकादमिक परिणामों पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि छात्रों के समग्र विकास को भी प्राथमिकता देता है।