Faridabad/Alive News: बुधवार के दिन धीरज नगर एतमादपुर स्थित मानव संस्कार पब्लिक स्कूल में गीता जयन्ती उत्सव आयोजित किया गया। हिंदू पौराणिक कथाओं का सबसे पवित्र और प्रभावशाली ग्रंथ है। यह माना जाता है कि इस पवित्र दिन पर, कुरुक्षेत्र की लड़ाई के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपनी दार्शनिक शिक्षाएं दीं, अतः लोग इस दिन गीता जयंती मनाते हैं।
गीता जयंती के इस विशेष आयोजन में भाग लेने वाले छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर भारतीय संस्कृति और धर्म की महत्ता को उजागर किया। कार्यक्रम में छात्रों ने गीता के श्लोकों का उच्चारण किया और उसके अर्थ को प्रस्तुत किया।
इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास, और सकारात्मक दृष्टिकोण को विकसित करना था। जिससे गीता के विचारों को दैनिक जीवन में आत्मसात करके वे एक संतुलित और सफल जीवन जी सकते हैं।
स्कूल की प्रधानाचार्य कौमुदी भारद्वाज ने बच्चो को बताया कि श्रीमद भगवत गीता मे राजनीतिक, आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक, व्यावहारिक और दार्शनिक मूल्य शामिल हैं। इस भगवत वाणी का प्रतिदिन पाठ मानव कल्याण का साधन है। उन्होंने बच्चों को गीता के संदेश को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
स्कूल के डायरेक्टर योगेश शर्मा ने छात्रों को बताया कि भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि यह जीवन जीने की कला भी सिखाती है। गीता में श्रद्धा रखने वाले और अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाले लोग तत्परता से ज्ञान प्राप्त करते हैं और ज्ञान मिलने के बाद जल्द ही परम शांति को पाते हैं।