Faridabad/Alive News: Haryana Rajyasbh Election चुनाव आयोग द्वारा राज्यसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किए जाने के बाद हरियाणा की एकमात्र राज्यसभा सीट को लेकर भाजपा में जोरदार लाबिंग शुरू हो गई है। भाजपा अपनी ताकत के दम पर इस सीट को फिर से जीत सकती है, लेकिन अभी तक भगवा पार्टी की तरफ से किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है। पार्टी के कई बड़े नेताओं के नाम चर्चा में है।
भाजपा के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली, पूर्व करनाल सांसद संजय भाटिया, पूर्व सिरसा सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व भाजपा अध्यक्ष ओपी ढांकर, पूर्व राज्य मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई जैसे कई नेताओं के नाम इस सीट के लिए सामने आ रहे हैं।
आपको बता दें कि यह सीट 14 अक्टूबर को कृष्णलाल पंवार के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। पंवार ने हाल ही में इसराना (पानीपत) विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। उन्हें नयाब सिंह सैनी सरकार में मंत्री भी बनाया गया था। सूत्रों के अनुसार भाजपा उम्मीदवार के चयन में जातिगत समीकरणों का ध्यान रखा जाएगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संघ से जुड़े संबंध भी उम्मीदवार के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मोहन लाल बडोली: बडोली भाजपा को हरियाणा में तीसरी बार सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। वह राज्यसभा की इस इकलौते सीट के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। बडोली ने विधानसभा चुनाव में सोनीपत सीट से चुनाव नहीं लड़ा था। इसके बावजूद उन्होंने पार्टी के लिए पूरी तरह से काम किया था। इसके कारण उनकी उम्मीदवारी को माना जा सकता है।
संजय भाटिया: पंजाबी समुदाय से आने वाले भाटिया ने करनाल लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए रास्ता साफ किया था। वह एक संगठनात्मक व्यक्ति माने जाते हैं। वह पन्ना प्रमुख की अवधारणा के जनक हैं।
सुनीता दुग्गल: सुनीता दुग्गल पार्टी की एक प्रमुख दलित नेता हैं। कुछ नेताओं का मानना है कि इस सीट पर दलित समुदाय को फिर से प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। पंवार भी दलित समुदाय से थे।
ओपी ढांकर और कैप्टन अभिमन्यु: दोनों जाट समुदाय के नेताओं के रूप में जाने जाते हैं और पार्टी में इनका अच्छा प्रभाव है। हालांकि दोनों हाल ही में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, फिर भी जाट समुदाय को ध्यान में रखते हुए इनकी उम्मीदवारी पर विचार हो सकता है।
कुलदीप बिश्नोई: भाजपा के गैर-जाट चेहरे के रूप में बिश्नोई का नाम भी चर्चा में है।
विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत: हरियाणा विधानसभा में भाजपा के पास 48 सीटें हैं और तीन निर्दलीय विधायक भी पार्टी के समर्थन में हैं। विपक्षी कांग्रेस के पास 37 सीटें हैं। इनेलो के पास सिर्फ 2 सीटें हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यह सीट जीतना आसान है। विपक्षी पार्टी चुनाव में उम्मीदवार उतारने की स्थिति में नहीं दिख रही है।