Ghaziabad/Alive News: भट्ठे पर काम खत्म करने के बाद बकरीद पर घर जाने की खुशी हर किसी के चेहरे पर थी। रात में हादसे से पहले ही कुछ लोग नीचे उतरे थे, उस समय भी गाड़ी में बैठे लोग शोर मचा रहे थे जल्दी चलो नहीं तो ईद निकल जाएगी। किसी को क्या पता था कि सच में ईद बीत जाएगी और हम लोग घर नहीं पहुंचे पाएंगे। यह दर्द बयां किया संयुक्त अस्पताल में भर्ती इरफान ने। इरफान ने बताया कि कई लोग ऐसे थे जो एक साल से घर नहीं गए थे। काफी लोगों ने ईद भट्ठे पर ही मनाया था। अब काम खत्म होने के बाद बकरा-ईद मनाने के लिए सभी गांव जा रहे थे, लेकिन अल्लाह ताला को कुछ और ही मंजूर था।
शाद मोहम्मद ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ वह गाड़ी में बैठे थे। अचानक तेज रोशनी के साथ किसी चीज की जोरदार टक्कर लगी और हम लोगों की आंखें बंद हो गई। आंख खुली तो गाड़ी में जोरदार टक्कर लग चुकी थी। कई लोग गाड़ी से उछलकर दूर जाकर गिरे थे। कई साथी सड़क पर शांत पड़े थे, जबकि कई लोग चिल्ला रहे थे। शांत पड़े बच्चे और बड़ी उम्र के चार लोग ईद के त्योहार के साथ ही दुनिया भी छोड़ चुके थे। ऐसा भयावह मंजर 32 साल की उम्र में पहली बार देखा।
रुबी ने बताया कि भट्ठे पर दिन-रात मेहनत करके 35 हजार रुपये बचाए थे। सोचा था त्योहार मनाने के बाद घर के बाहर टीन शेड लगवा दूंगी। हादसे में चोट तो लगी, रुपयों का भी नहीं पता चला कि कहां गिर गए। उन्होंने बताया कि पति और बेटा भी घायल है। अस्पताल वाले कुछ बता नहीं रहे हैं कि क्या स्थिति है। कुछ लोग बता रहे हैं कि दिल्ली भेज दिया है। अल्लाह से दुआ है कि दोनों सही-सलामत हों।