Faridabad/Alive News: फरीदाबाद से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे महेंद्र प्रताप ने लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को सामने रखते हुए विधानसभा चुनाव पर भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा है कि इसबार कांग्रेस का वोट प्रतिशत जबरदस्त तरीके से बढ़ा है और बीजेपी के वोटों में रिकॉर्ड गिरावट आई है। इसलिए जो बीजेपी लोकसभा चुनाव में हाफ कर रह गई है, वो विधानसभा चुनाव में पूरी तरह साफ हो जाएगी।
महेंद्र प्रताप ने कहा कि कांग्रेस को इस बार 36 बिरादरी का भरपूर समर्थन हासिल हुआ। जनता समझ चुकी है कि बीजेपी के पास लोगों को जात-धर्म के नाम पर भड़काने और लड़वाने के अलावा कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन जनता बंटवारे की नहीं बल्कि भाईचारे की राजनीति को पसंद करती है। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा का वोट 12% घटा है जबकि कांग्रेस गठबंधन के वोटों में लगभग 20% की बढ़ोतरी हुई है। तमाम राज्यों के मुकाबले हरियाणा में इंडिया गठबंधन को सबसे ज्यादा 47.6 प्रतिशत वोट मिले हैं। कांग्रेस ने इस बार 46 विधानसभाओं में बड़ी जीत दर्ज की है।
उन्होंने बताया कि लोकसभा सीटों के हिसाब से देंखें तो अंबाला में कांग्रेस को 18.6% ज्यादा तो बीजेपी को 2019 के मुकाबले 11.1% कम वोट मिले हैं। भिवानी में कांग्रेस को 21% ज्यादा तो बीजेपी को 13.8% कम वोट हासिल हुए हैं। फरीदाबाद में कांग्रेस को 20.3% ज्यादा तो बीजेपी को 15.1% कम वोट मिले। गुरुग्राम में कांग्रेस को 11.6% ज्यादा तो बीजेपी को 10.4% वोट कम हासिल हुए हैं। हिसार में कांग्रेस को 33% ज्यादा तो बीजेपी को 7.9% कम वोट मिले। करनाल में भी कांग्रेस का वोट 18% बढ़ा जबकि भाजपा का 15.1% कम हुआ। कुरुक्षेत्र में कांग्रेस गठबंधन के 17.9% वोट बढ़े जबकि बीजेपी के 11% कम हुए। रोहतक में 16.4% वोट बढ़े तो बीजेपी के 11.9% वोट कम हुए। सिरसा में कांग्रेस के 24.7 प्रतिशत वोट बढ़े तो बीजेपी के 17.8% कम हुए। सोनीपत में कांग्रेस के 11.4% वोट बढ़े तो बीजेपी के 5.1 प्रतिशत वोट कम हुए। यहीं रुझान तमाम विधानसभा क्षेत्रों में भी देखने को मिला।
इस रुझान और राजनीतिक लहर से स्पष्ट है कि जनता विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर कांग्रेस की सरकार बनाने जा रही है। क्योंकि हरियाणा की जनता समझ चुकी है कि बीजेपी सरकारी शिक्षा, पक्की नौकरी और एससी-ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। हरियाणा में बीजेपी ने अपनी आरक्षण विरोधी नीतियों को लागू कर दिया है। यही वजह है कि बीजेपी प्रदेश में खाली पड़े 2 लाख पदों पर पक्की भर्तियां नहीं कर रही है। एक साजिश के तहत कौशल निगम के जरिए खाली पदों को भरा जा रहा है। क्योंकि कौशल निगम में ना किसी तरह की पारदर्शिता है, ना मेरिट और ना ही आरक्षण।
इसी तरह बीजेपी ने गरीब, किसान व एससी-ओबीसी परिवारों को शिक्षा से वंचित करने के लिए सरकारी संस्थानों की फीस में कई-कई गुणा बढ़ोत्तरी कर दी। एमडीयू में सरकार ने सीधे 5 गुणा फीस बढ़ाकर अपनी नीति को साफ कर दिया है। जाहिर है कि अगर सरकारी शिक्षा और नौकरियां ही नहीं रहेंगी तो आरक्षण अपने आप खत्म हो जाएगा। चौ. उदयभान ने बताया कि आरक्षण को खत्म करने के लिए ही बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग की क्रीमी लेयर लिमिट को 8 से घटा कर 6 लाख कर दिया। इसे लाखों परिवारों का आरक्षण खत्म हो गया। लेकिन कांग्रेस सरकार इसे बढ़कर 10 लाख करेगी ताकि पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ मिल सके। कांग्रेस किसी भी सूरत में बीजेपी को दलित-पिछड़ों के अधिकारों से खिलवाड़ नहीं करने देगी।