Surajkund/Alive News: हरियाणा टूरिज्म की ओर से 37 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में मुख्य चौपाल के पीछे गेट नंबर-1 की ओर स्थापित किया गया खोया पाया बूथ मेले में बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाने में काफी मददगार साबित हो रहा है। पलक मेहरा इस खोया पाया बूथ की अनाउंसर है, जो मेले में अपने परिजनों से बिछड़े लोगों को मिलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहीं हैं।
अगर कोई व्यक्ति सूरजकुंड मेले में घूमने के दौरान अपनों से बिछड जाने के बाद इस अनाउंसमेंट बूथ पर जाकर अपने परिजनों से मिलने की एनाउंसमेंट करवाते हैं।
खोया पाया बूथ बिछडे हुए व्यक्ति की सहायता के लिए उसकी संबंधित जानकारी पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से तुरंत अनाउंस की जाती है और बिछडे हुए व्यक्ति को उसके परिजनों से मिलाया जाता है। यह बूथ अब तक करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को मेले में बिछडने के पश्चात अपनों से मिलवाने में सहायता कर चुका है।
अपनों से बिछड़ों को मिला रहा है अनाउंसमेंट बूथ
खोया पाया बूथ की अनाउंसर पलक मेहरा ने बताया कि फरीदाबाद सेक्टर-46 निवासी 16 वर्ष के आर्यांश, फरीदाबाद निवासी 12 वर्ष के संजय, गोधा निवासी 15 वर्ष की गुडिय़ा, सैनिक कॉलोनी फरीदाबाद की रहने वाली 21 वर्षिय निर्मला जैसवाल, दिल्ली के महिपालपुर के रहने वाले 36 वर्षिय श्याम, द्वारका में रहने वाले 64 वर्ष के नस्रूद्दीन, गोढाली की बनानी और वीना, 54 वर्षीय सुरेश गौतम, फरीदाबाद के 15 वर्षिय अभिनेय व अरोन, जींद जिला के जुलाना निवासी 36 वर्षिय मनोज, जवां की रहने वाली 36 वर्षिय महिला बूलर और पलवल की विधि को मेले में अपनों से बिछडने पर खोया पाया बूथ ने उनके परिजनों से मिलाने में सहायता की है।
खोया पाया बूथ पर यह लोग कर रहे हैं कार्य
पब्लिक अनाउंटमेंट सिस्टम से जुड़े खोया पाया के बलराम, मेघनाथ, कविता, प्रोमिला और पुष्पा के अलावा महेंद्र, श्याम शुक्ला मेले में बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने में बेहतर कार्य कर रहे हैं।
मेला परिसर के अलावा सभी पार्किंग स्थलों में 139 होर्न लगाए गए हैं, जो पूरा मेला परिसर में अनाउंसमेंट के माध्यम से खोया पाया की जानकारी के साथ-साथ सूरजकुंड मेला से संबंधित अन्य जानकारी पर्यटकों को उपलब्ध करवाते हैं।