November 17, 2024

आर्य समाज का 51 कुंडीय यज्ञ के साथ वार्षिकोत्सव संपन्न

Faridabad/Alive News: वेद हमारे पुरातन वैदिक संस्कृति की धरोहर है। वेद ज्ञान व आर्य सिद्धांत की नियमावली है, वेद ईश्वर की वाणी हैं। वेदों के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान संभव है। यह बात आर्य समाज सैक्टर-19 के प्रांगण में 66वें वार्षिकोत्सव के समापन अवसर पर बोलते हुए हरियाणा के पूर्व राज्य औषधी नियंत्रक एवं आर्य प्रवक्ता डा. नरेंद्र आहूजा ‘विवेक’ ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब तक वेदों के बताए हुए मार्ग पर लोग चले विश्व में शांति और प्रेम का वातावरण रहा। ज्यों-ज्यों विश्व में मत-मतांतरों का प्रचलन शुरू हुआ विश्व में अनेक प्रकार की परेशानियां पैदा होने लगी। वर्तमान की हालात यह है कि विश्व आज तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि ईश्वर के सत्य स्वरूप को जानने की आवश्यकता है तभी परिवार सहित विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है।

हमें अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित करना चाहिए इसलिए देव दयानंद सरस्वती ने विश्व के लोगों का आह्वान किया था कि अब वेदों की ओर लौटों तभी हमें मन और मस्तिष्क की शांति मिल सकती है और यह सत्य केवल वेदों से ही जाना जा सकता है, क्योंकि सत्य एक सिद्धांत है, जिसपर चलने की आवश्यकता है। आज व्यक्ति स्वार्थ, काम, क्रोध, ईष्र्या, लोभ, मोह के वशीभूत होकर कार्य कर रहे हैं, जिसका खामियाजा भी लोग भुगत रहे हैं। इससे पूर्व आर्य समाज सैक्टर-19 के परिसर में यज्ञ के ब्रह्मा यादवेंद्र शास्त्री के सानिध्य में 51 कुंडीय यज्ञ का भी आयोजन किया गया। समारोह को आर्य जगत के विद्ववान डा. नरेंद्र अग्रिहोत्री, निकिता आर्या व मोहनी आर्या ने संबोधित किया। कार्यक्रम में समाजसेवा से जुड़े लोगों को आर्य समाज के प्रधान डा. गजराज ङ्क्षसह आर्य ने सम्मानित किया। इस अवसर पर रविंद्र तनेजा, विदुषी विमला कर्मठ, अशोक आर्य, सुरेश कुमार आर्य, लोकनाथ क्वात्रा, ओपी वधवा, राजकुमार आर्य, मूलचंद, राजेंद्र, गया बक्श सहित शहर की अनेकों आर्य समाजों के पदाधिकारी व गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।