Faridabad/Alive News: स्कूलों में अब तीसरी कक्षा से ही खिलाड़ियों को तैयार किया जायेगा। बता दें कि यह जिम्मेदारी स्कूलों में तैनात फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) और डेमोस्ट्रेटर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (डीपीई) के शिक्षक को सौंपी गई है। हरेक स्कूल में जिले के दो लोकप्रिय खेलो के हिसाब से दो दो टीम तैयार की जाएंगी। जो कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए खेलेंगी। परन्तु किसी स्कूल में पीटीआई और डीपीआई नहीं है तो नजदीक के स्कूल में तैनात शिक्षक जाकर टीम बनाएंगे और उन्हें प्रशिक्षित करेंगे।
वहीं, स्कूली खेलों में खेल की और संभावनाएं तलाशने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित किया जा सकता है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और सहायक शिक्षा अधिकारियों (खेल) के साथ नए प्रारूप पर मंथन करते हुए विभिन्न सुझावों पर काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्कूलों में खेल सुविधाएं और प्रतिभाओं को तराशने के साथ ही खिलाड़ियों के चयन में भाई-भतीजावाद को खत्म करने को कहा है।
खेल प्रतिभाओं की तलाश के लिए प्राथमिक स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रत्येक पीटीआई को आसपास के तीन-चार प्राथमिक विद्यालयों की जिम्मेदारी दिया जाएगा। वहीं, खेल विभाग में कार्यरत प्रशिक्षकों को नियमित रूप से उन स्कूलों का दौरा करना होगा, जहां उनके खेल से जुड़ी टीम को तैयार किया जा सकें। वहीं, लड़कियों को खेल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए प्रयास किया जाएगा।
शारीरिक शिक्षा अध्यापकों का बनाया जाएगा ग्रुप
300 से अधिक विद्यार्थियों वाले स्कूलों में एक या दो खेलों की टीम तैयार करनी होगा। इसके लिए शारीरिक शिक्षा अध्यापकों का एक समूह तैयार किया जाएगा, जो दूसरे स्कूलों में भी जाकर खिलाड़ियों का मदद करेंगे। वहीं, स्कूलों में संचालित खेल नर्सरियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। जिससे कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधारा जा सके। बच्चों में खेलों के प्रति रुचि पैदा करने के लिए ब्लाक और जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी।
पीटीआई को सौंपी जाएंगी जिम्मेदारी
जिले के प्रत्येक राजकीय स्कूलों में टीम बनाने की जिम्मेदारी पीटीआई को सौंपी जाएंगी। इसके साथ ही उन्हें खंड, जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित कराना होगा। उनमें से बेहतरीन खिलाड़ी का चयन कर प्रशिक्षित किया जाएंगा।