Delhi/Alive News :महिलाएं बच्चों की खुशहाली और खुशहाल जीवन के लिए के लिए हर साल कई व्रत करती है। जिनमे से एकदासी के व्रत भी है। एकदासी हर महीने में 2 एकदासी अति है। इन्हीं में से एक है पुत्रदा एकादशी. साल में दो बार पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। पहला पौष माह और दूसरा सावन के महीने में. सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
इसे पवित्रा एकादशी भी कहते हैं। इस एकादसी का अलग मान्यता है कि इस दिन निसंतान दंपत्ति व्रत रख श्रीहरि विष्णु जी की विधि पूर्वकर पूजा करें तो जल्द योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
सावन पुत्रदा एकादशी डेट
सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 27 अगस्त को होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जिन दम्पत्तियों को कोई पुत्र नहीं होता उनके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
सावन पुत्रदा एकादशी मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 27 अगस्त प्रात: 12 बजकर 08 मिनट पर होगी और इसी दिन रात्रि 09 बजकर 32 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा।
विष्णु जी की पूजा – सुबह 07.33 – सुबह 10.46
सावन पुत्रदा एकादशी 2023 व्रत पारण समय
सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 28 अगस्त 2023 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक किया जाएगा. द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय – 28 अगस्त, शाम 06.22
सावन पुत्रदा एकादशी महत्व
धर्म ग्रंथों के अनुसार पुत्र की इच्छा रखने वाले मनुष्य को विधानपूर्वक श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करना चाहिए, इस व्रत के प्रभाव से इस लोक में समस्त भौतिक सुख और परलोक में स्वर्ग की प्राप्ति होती है. सावन पुत्रदा एकादशी व्रत करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं, उसे ग्रह दोषों से मुक्ति मिल जाती है और पूर्वजों के आशीर्वाद से उसके घर किलकारियां गूंजती हैं. सावन पुत्रदा एकादशी पर संतान सुख के लिए निर्जला व्रत कर रात्रि जागरण करें और फिर अगले दिन व्रत का पारण करें.