Faridabad/Alive News: श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि पुस्तकें मस्तिष्क से साक्षात्कार करात हैं। पुस्तकों के माध्यम से हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं। किताबों में निहित ज्ञान हमारे जीवन की दिशा बदल सकता है। वे विश्वविद्यालय परिसर में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में 20 से भी ज्यादा नामी प्रकाशनों ने हिस्सा लिया और अपनी पुस्तकें प्रदर्शित की।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस मौके पर कहा कि पुस्तकों के माध्यम से हम सदियों पूर्व के ज्ञान को वर्तमान में भी जान सकते हैं। यह ज्ञान को सहेजने का एक सर्वोत्तम माध्यम है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें पढ़ने से हम न केवल अपना अकादमिक विकास कर सकते हैं, बल्कि पुस्तकों के ज्ञान से हमारा अंतः करण भी उज्ज्वल बनता है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दुधौला परिसर में भव्य और विशाल पुस्तकालय का निर्माण अंतिम चरण में है। इस पुस्तकालय में दुनिया भर की श्रेष्ठ कृतियां सम्मिलित की जाएंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें नियमित तौर पर पुस्तकें अपने पास रखनी चाहिएं और पढ़नी चाहिएं। यह उनके करियर में सच्ची मित्र साबित होंगी।
प्रदर्शनी में पियर्सन एजुकेशन, पीएचआई लर्निंग, नरोसा पब्लिकेशन, न्यू एज इंटरनेशनल, बीपीबी पब्लिशर्स, मैग्रा हिल, हिमालय और टैक्समैन सहित कई बड़े प्रकाशक शामिल हुए और उन्होंने अपनी प्रतिष्ठित पुस्तकें प्रदर्शित की। डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. जेके दुबे ने बताया कि इस प्रदर्शनी में पुस्तकों और ई-बुक्स के नवीनतम संस्करण प्रदर्शित किए गए, जिन्हें खूब पसंद किया गया। डॉ. दुबे ने प्रकाशकों का धन्यवाद किया।
विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ज्योति राणा ने इस पुस्तक प्रदर्शनी में सम्मिलित नवीनतम संस्करणों की सराहना की। सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने पुस्तक प्रदर्शनी में दिलचस्पी दिखाई। इस अवसर पर डीन प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. रणजीत सिंह और प्रो. आशीष श्रीवास्तव सहित काफी संख्या में शिक्षक और अधिकारी मौजूद थे।