Faridabad/Alive News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार गुरुग्राम जिले में 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं नामत बसई चौक से द्वारका एक्सप्रेस-वे तक मार्ग पर नवनिर्मित रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) तथा सिकंदरपुर जल निकाय के कायाकल्प एवं सौंदर्यीकरण का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के धरातल पर साकार होने से गुरुग्राम जिला में ढांचागत तंत्र को विस्तार मिला है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की शाम सिकंदरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में इन दोनों परियोजनाओं का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सिकंदरपुर जल निकाय परिसर में पौधारोपण किया और साथ लगते वन क्षेत्र का अवलोकन भी किया
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बसई में नवनिर्मित रेलवे ओवर ब्रिज, आने वाले समय में हीरो-होंडा चौक से द्वारका एक्सप्रेसवे और आसपास के सेक्टर्स में रहने वाले लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा साथ ही गुरूग्राम-झज्जर मार्ग पर पुराने आरओबी पर यातायात के दबाव को कम करेगा।
गुरुग्राम में करीब 114 करोड़ रुपए की लागत से उमंग भारद्वाज चौक से नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) को जोडऩे वाले प्रोजेक्ट का हिस्सा इस फोर लेन आरओबी की लंबाई 910 मीटर है और इसके निर्माण पर 23 करोड़ रुपए की लागत आई है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने इसी प्रोजेक्ट के तहत बीते वर्ष नवंबर माह मेें बसई चौक पर 820 मीटर लंबाई और 6 लेन वाले फ्लाईओवर और फुट-ओवर-ब्रिज का भी उद्घाटन किया था। गुरुग्राम में नागरिकों के जीवन में सुगमता लाने के लिए हरियाणा सरकार ने ढांचागत सुविधाओं के विस्तार में सराहनीय कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने सिकंदरपुर के समीप 90 एकड़ क्षेत्र में विकसित जल निकाय के कायाकल्प व सौंदर्यीकरण से जुड़ी परियोजना का भी शुभारंभ किया। इस जल निकाय क्षेत्र को बहाल करने के लिए, अप्रैल 2019 में जीएमडीए और गैर सरकारी संस्था आईएमगुडग़ांव के बीच एक एमओयू हुआ था। इस जल निकाय के कायाकल्प पर 9.1 करोड़ रुपए की लागत आई। जिससे शहरों में व्यापक हरित रणनीति के तहत वन क्षेत्र को बढ़ावा मिला और पुराने जल निकाय को पुनर्जीवित किया गया।
इस परियोजना को धरातल पर साकार करने में अनेक निजी संगठनों ने सीएसआर फंड से वित्तीय मदद प्रदान की। मुख्यमंत्री ने सीएसआर फंड के जरिए इस परियोजना को धरातल पर साकार करने वाले कॉरपोरेट समूहों व आई एम गुरुग्राम संस्था को बधाई दी। करीब 90 एकड़ में फैले सिकंदरपुर जलाशय और वाटरशेड क्षेत्र के पर्यावरण-पुनस्र्थापना का मुख्य उद्देश्य गुडग़ांव के निवासियों को स्वच्छ और हरित वातावरण उपलब्ध कराना है। इस क्षेत्र में देसी प्रजातियों के वृक्षारोपण के माध्यम से शहर के शहरी हरित आवरण को बढ़ाना है।
उल्लेखनीय है कि सिकंदरपुर जल निकाय को पुनर्जीवित कर इसके प्राकृतिक सौंदर्य को बहाल किया गया है। इस कार्य में आसपास के अतिक्रमणों को साफ करके, अन्य पहलों के बीच, जल निकाय में जमा हुए कचरे और मलबे को हटाया गया और जल निकाय में सीवेज के प्रवाह को बंद कर दिया गया। गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) की मदद से इस जल निकाय में पहले से मौजूद प्लास्टिक कचरे को अलग किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि कचरे को पास के लैंडफिल में जिम्मेदारी से निपटाया जाए।
इसके अलावा, आस-पास के आवासीय क्षेत्रों में वर्षा जल को यहां तक लाने के लिए पाइप लाइन डाली गई। इस जल निकाय के पुनर्जीवित होने से मानसून के मौसम में क्षेत्र में जलभराव का जोखिम भी कम किया हुआ है। इसके साथ ही क्षेत्र में बाड़ लगाना, मलबे को हटाना, प्राकृतिक पगडंडियों और पैदल रास्तों का निर्माण, वनस्पतियों की स्थानीय प्रजातियों के साथ व्यापक वृक्षारोपण भी सिकंदरपुर इको-रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट के तहत किया गया है।