Faridabad/Alive News: दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा सरकारी हिदायतों के अनुसार स्थानीय फरीदाबाद औद्योगिक एसोसिएशन के हाल में फरीदाबाद के कार्यकारी अभियंता और सव डिविजनल अभियंता की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के पलवल सर्कल ने स्मार्ट मीटर, एग्रीगेट रेवेन्यू आवश्यकता एआरआर (ARR) और एनर्जी ऑडिट और एचवीपीएन HVPN पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (HPTI) पंचकुला Panchkula द्वारा आयोजित एक दिन के प्रशिक्षण सत्र में विस्तार पूर्वक चर्चा कर बारीकी से की गई। वहीं कार्यशाला में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता पुनीत शर्मा, अधीक्षक अभियंता वीपी सिहाग प्रमुख वक्ता थे।
कार्यशाला में मुख्य रूप से वक्ताओं द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि अगले वर्ष के लिए टैरिफ तय करने के लिए हर बिजली उपयोगिता को हर साल 30 नवंबर से पहले नियामक आयोग के समक्ष एआरआर दाखिल करना जरूरी होता है। वहीं डिस्कॉम द्वारा एआरआर में अनुमानित अधिशेष/गैप को ध्यान में रखते हुए, एचईआरसी उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए टैरिफ तय करता है और 31 मार्च से पहले टैरिफ आदेश जारी करता है।
वक्ताओं ने कहा कि एआरआर घटक बिजली खरीद लागत, संचालन और रखरखाव शुल्क, कैपेक्स ऋण पर ब्याज शुल्क, मूल्यह्रास और अन्य शुल्क आदि शामिल होते हैं। जहां डीएचबीवीएन के लिए 2023-24 के लिए ऊर्जा की अनुमानित बिक्री आरएस पर अनुमानित राजस्व के साथ 32104.44 करोड़ रुपये की धनराशि का एमयू हो रखा है। इसमें 17770.13 करोड़ रुपये की धनराशि और राजस्व आवश्यकता 20932.88 करोड़ रुपये की धनराशि का होने की उम्मीद है।
वक्ताओं ने कहा कि स्मार्ट मीटरिंग उपभोक्ताओं के साथ-साथ उपयोगिता के लिए उपयोगी है। स्मार्ट मीटरिंग से मानवीय हस्तक्षेप से जारी होने वाले गलत बिलों की समस्या खत्म हो जाएगी। वर्तमान में मीटर रीडिंग मीटर रीडर द्वारा की जाती है। जिससे मीटर रीडर द्वारा गलती की संभावना रहती है। जबकि स्मार्ट मीटर में सिम होते हैं और जीपीएस सिम के माध्यम से डेटा संचार करते हैं जहां गलत बिलिंग की संभावना कम होती है।
उपयोगिता के लिए इससे बिलिंग दक्षता और राजस्व में वृद्धि होगी और बिजली निगम की अच्छी छवि बनेगी। इसमें एआरआर पहले से ही भेजा जाएगा और एनर्जी ऑडिट प्राप्त यूनिटों और सही फीडर मीटरों, वितरण ट्रांसफॉर्मर मीटरों और उपभोक्ता मीटरों के माध्यम से बिल किए गए यूनिटों की उचित ऊर्जा लेखा परीक्षा पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान अधीक्षण अभियंता, नरेश कक्कड़, कार्यकारी अभियंता कुलदीप अत्री, जितेंदर ढुल, नीरज दलाल सहित पलवल के अधिकारी मौजूद रहे।