Chandighar/Alive News: हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में पिछले 51 सालों से लाइब्रेरियन पदों की सीधी भर्ती नहीं हुई है। यह खुलासा RTI के जवाब में उच्च शिक्षा विभाग के उत्तर से हुआ है। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने स्वीकार किया है कि 1972 से विभाग द्वारा अब तक कोई सीधी भर्ती नहीं हुई है। इस कारण से अयोग्य पात्रों को सरकारी समर्थन मिलने के कारण पांच दशक पुरानी शैक्षणिक योग्यता अनुसार पदोन्नति लाभ की व्यवस्था देकर सुयोग्य पात्रों को नौकरी से वंचित रहना पड़ रहा है।
हरियाणा पुस्तकालय संघ द्वारा योग्यता में परिवर्तन के लिए प्रयास करके नियमों के अनुमोदन के लिए प्रारूप बना कर उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्तुत कर दिया गया, लेकिन 2014 से आज तक इसे अधिसूचित नहीं किया गया। जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्त विभाग व अन्य सक्षम अधिकारियों के अनुमोदन के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं की जा रही है।कॉलेजों में लाइब्रेरियन, सीनियर लाइब्रेरियन और उससे ऊपर के लाइब्रेरी कैडर के पद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के नियम, 2018) के तहत आते हैं। UGC के अनुसार, पुस्तकालय संवर्ग के पद योग्यता, वेतन और कद के मामले में शिक्षण कर्मचारियों के बराबर हैं। हरियाणा सरकार सरकारी कॉलेजों के लाइब्रेरियन के पद के लिए योग्यता के लिए UGC के मानदंडों की अवहेलना कर रहा है ।
उत्तर भारत में शायद हरियाणा एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां पर राजकीय कॉलेजों के लाइब्रेरियन की नियुक्ति उनकी शैक्षणिक योग्यता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रस्तावित योग्यता के अनुसार नहीं की जाती। इन पदों पर भर्ती UGC के अनुसार होनी चाहिए। पुस्तकालय में सभी पदों के लिए जो मानदंड पिछले 5 दशक पहले निर्धारित किए गए थे, भर्ती आज भी उन्हें मानदंडों के अनुसार होती है। UGC के अनुसार पुस्तकालय अध्यक्षों के लिए NET/ Ph D कि जो योग्यता निर्धारित की गई है उसे सरकारी कॉलेजों में अनदेखा किया जा रहा है।
इस समय राजकीय कॉलेजों में वरिष्ठ लाइब्रेरियन के 178 पद स्वीकृत हैं उसमे से केवल 10 पद भरें हुए हैं। पुस्तकालय बिना प्रशिक्षित कर्मचारियों के चल रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को पुस्तकालय की उत्तम सेवाओं और व्यवस्थाओं से वंचित रहना पड़ता है। जिसके कारण प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस और पीएचडी धारक छात्र बेरोजगार घूम रहे हैं।
सरकारी कॉलेजों में UGC की योग्यता को लागू करने के लिए सेवा नियमों में परिवर्तन की फाइल पिछले कई वर्षों से शिक्षा विभाग में धूल फांक रही है । हरियाणा पुस्तकालय संघ हरियाणा सरकार से निवेदन करता है कि जल्द से जल्द पुस्तकालय अध्यक्षों व अन्य पदों की शैक्षणिक योग्यता में बदलाव किया जाए और इन पदों पर भर्ती की जाए ।