November 18, 2024

पहली कक्षा में दाखिला लेने की उम्र हुई निर्धारित, पड़ेगा अभिभावकों की जेब पर असर

Chabdigarh/Alive News: सरकार ने पहली कक्षा में जाने वाले बच्चों की उम्र इस बार साढ़े 5 साल निर्धारित की है। वही अगले साल से यह 6 साल होगी। सरकार के इस नियम का वैसे तो शिक्षक संगठन वे निजी स्कूल संचालक भी विरोध कर रहे हैं लेकिन इसका सबसे अधिक असर अभिभावकों पर पड़ने जा रहा है।

पहले जिले के बहुत से स्कूल नर्सरी केजी के बाद कक्षा 1 में बच्चों को प्रवेश दे रहे थे , लेकिन अब 3 साल के बच्चों को नर्सरी एलकेजी यूकेजी के बाद पहली कक्षा में प्रवेश मिलेगा। वही जो इस बार यूकेजी कर लेंगे लेकिन साढे 5 साल के नहीं हो पाए हैं उन्हें फिर से उसी कक्षा में पढ़ना होगा। इससे अभिभावकों को 1 साल पहले की फीस देनी होगी विभिन्न स्कूलों की फीस स्कूल बस में ट्यूशन खर्चा 5 हज़ार माना जाए तो अभिभावक 1 साल का प्रति बच्चा 60000 का पोज पढ़ना थे। अतिरिक्त कक्षा स्कूलों ने अपने भवनों में व्यवस्था कर दिया। अभिभावकों को भी इस बारे में बताया जा रहा है

जिले में हरियाणा बोर्ड में सीबीएसई के करीब 3000 स्कूल हैं। इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है लेकिन अनुमान है कि नहीं पहुंचने के कारण उसी कक्षा में पढ़ेंगे तो अभिभावकों की जेब से करीब 90‌ लाख खर्च होगा। इसके अलावा कॉपी किताब का खर्चा अलग रहेगा। अभिभावक में अधिवक्ता रोहित दूर का कहना है कि सरकार का नियम चाहिए सही उम्र में बच्चे स्कूल जाएगा तो उसका मस्तिष्क का पूर्ण विकास सही उम्र में होगा लेकिन लागू करने की सरकार को 2 साल का ध्यान देना चाहिए। जो किड्स कक्षा नर्सरी केजी में चल रही है। उनको जो अंडरेज बच्चे हैं उन्हें एक साल अतिरिक्त नहीं पढ़ना होगा। वही स्कूल जो अब नर्सरी में बच्चों को प्रवेश देंगे तो तय करेंगे कि बच्चा 3 साल का होता कि वह प्रथम पहुंचने पर 6 साल का हो। यह सभी के हित में हैं।