November 26, 2024

किसान, मध्यम वर्ग, महिला सहित समाज के सभी वर्ग के विकास को समर्पित बजट: कृष्ण पाल गुर्जर

Faridabad/Alive News: केंद्रीय भारी उद्योग एवं ऊर्जा राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि अमृत काल का पहला आम बजट 2023-24 एक लोक कल्याणकारी बजट है। यह बजट गाँव, गरीब, किसान, आदिवासी, दलित, पिछड़ा, शोषित, वंचित, दिव्यांगजन तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। यह बजट ग्राम विकास, कृषि विकास, श्रमिक कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी क्षेत्रों सहित पूरे देश के समग्र विकास को समर्पित बजट है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर आज वीरवार को जिला भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय बजट के संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा देश के नागरिकों को सामाजिक न्याय, समानता, सम्मान और समान अवसर उपलब्ध कराने वाला बजट है। देश का 75वां आम बजट ‘इज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाने वाला बजट है। यह दुनिया में सबसे तेज गति से देश को विकास की राह दिखाने वाला और भारत को सुपर इकोनॉमी पॉवर बढ़ाने वाला बजट है। ऐसे सर्व स्पर्शी, सर्व-समावेशी एवं देश के जन-जन और हर क्षेत्र के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं उनकी पूरी टीम का हार्दिक अभिनन्दन करते हैं।

केंद्रीय राज्मंत्री गुर्जर ने बताया कि नागरिकों के लिए बड़े अवसर उपलब्ध कराना, विकास और रोजगार सृजन को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना, व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना ही इस आम बजट का एजेंडा है। समावेशी विकास, अंतिम छोर-अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, युवा शक्ति, वित्तीय क्षेत्र, हरित विकास, क्षमता विस्तार एवं बुनियादी ढांचा और निवेश इस सप्तऋषि बजट 2023-24 के 7 प्राथमिक लक्ष्य हैं। भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कुल लगभग 45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट आवंटित किया है जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से लगभग 14 प्रतिशत अधिक है। रक्षा मंत्रालय को 5.94 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले वर्ष 2022- 23 के बजट 5.25 लाख करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है। यह भारत सरकार के कुल बजट (45.03 लाख करोड़) का 13.18 प्रतिशत है।

सरकार ने हमारे सशस्त्र बलों के सम्मान को मजबूत करने और बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब तक के सर्वाधिक 5.94 लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ, वर्तमान बजट में अग्निवीरों द्वारा प्राप्त होने वाले अग्निवीर कॉर्पस फंड को भी टैक्स फ्री कर दिया है। उन्होंने कहा कि 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान बढ़ोतरी की राह पर अग्रसर है। वर्ष 2022 में रक्षा निर्यात 14,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर को पार करने के साथ, इसके 19,000 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का बजट वर्ष 2022-23 में 1.99 लाख करोड़ रुपए था जो वर्ष 2023-24 में 35 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 2.70 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।

पूरी दुनिया का सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे दिल्ली- बड़ोदरा-मुम्बई 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। इसके द्वारा दिल्ली से मुम्बई की यात्रा 12 घंटे में पूरी हो जाएगी। इसके अलावा भी देश के हर कोने में नेशनल हाईवे का जाल बिछाया गया है।रेलवे के लिए वर्ष 2022-23 में कुल बजट 1.40 लाख करोड़ रुपये था जो वर्ष 2023- 24 में इसे बढ़ाकर 2.40 लाख करोड़ कर दिया गया है। (72 प्रतिशत की वृद्धि) । यह कॉंग्रेस की यूपीए सरकार के वर्ष 2014 के बजट से लगभग 9 गुणा अधिक है । वहीं इन्वेस्टमेंट खर्च को 10 लाख करोड़ किया जा रहा है जो वर्ष 2019-20 की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि मुझे यह बताते हुए यह खुशी हो रही है कि केन्द्र सरकार ने फरीदाबाद रेलवे स्टेशन की आधुनिकीकरण के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये मंजूरी प्रदान की है। शिक्षा के लिए वर्ष 2022-23 में कुल बजट 1.04 लाख करोड़ था जिसे वर्ष 2023-24 में बढ़ाकर 1.12 लाख करोड़ कर दिया गया है (8 प्रतिशत की वृद्धि) स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए वर्ष 2022-23 में कुल बजट 86.20 हजार करोड़ रुपये था।जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ाकर 89.15 हजार करोड़ कर दिया गया है । (लगभग 3000 करोड़ रुपये की वृद्धि) की गई है ।

देश में कृषि के उत्थान के लिए वर्ष 2022-23 में कुल 1.18 लाख करोड़ रुपये था जो कि वर्ष 2023-24 में इसे बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ कर दिया गया है। (लगभग 7000 करोड़ रुपये की बढोतरी) हुई है।बजट में फिस्कल डेफिसिट (कुल व्यय और कुल राजस्व के बीच के अंतर) को 2025- 26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने की मोदी सरकार की मंशा को भी दोहराया गया है 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर उच्चतम अधिभार दर को 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया गया है।
गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति पर टैक्स छूट की सीमा वर्ष 2002 से 3 लाख रुपये थी। जो कि इस बजट में इसकी सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।