November 17, 2024

प्रदेश भर में 628 गोशालाओं के बाद भी 80 हजार गौवंश सड़को पर, बढ़ रहे गौ तस्करी के मामले

Chandigarh/Alive News: प्रदेश में गौ तस्करी का मुद्दा काफी दिनों से गर्माया हुआ है। सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में गोवंश के लिए 628 गौशालाएं पंजीकृत की गई हैं। लेकिन इसके बाद भी 80 हजार से ज्यादा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। जिसका पशु तस्कर फायदा उठा रहे हैं और प्रदेश में आए दिन पशु तस्करी से जुड़े मामले सामने आ रहे है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि सरकार इन सभी मामलों से अवगत होने के बाद भी गौ तस्करों के खिलाफ कोई उचित कदम नहीं उठा रही है।

गौरतलब, रहे कि हरियाणा सरकार ने गाय की तस्करी और हत्या पर अंकुश लगाने के लिए 2015 में हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन अधिनियम बनाया था, लेकिन इसमें कम सजा का प्रावधान होने के कारण यह आरोपियों के लिए नाकाफी साबित हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार राज्य भर में 2015 अधिनियम के तहत पंजीकृत 350 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं।

हरियाणा में अधिकांश आवारा मवेशी पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा पर पाए जा सकते हैं। वहीं गौ सेवा आयोग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इन मवेशियों पर स्थानीय और बाहरी तस्करों की नजर रहती है।

5 सालों में 500 गौशालाएं
आयोग के अधिकारियों के अनुसार गौशालाओं में आवारा पशुओं के पुनर्वास और पशु तस्करी की जांच के लिए हर जिले में एक गौ रक्षा बल का गठन किया गया है। पिछले 5 सालों में राज्य भर में 500 से अधिक नई गौशालाएं बनाई गईं, लेकिन सभी आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए अभी भी कई और गौशालाओं की आवश्यकता है। गौशालाओं में पशुओं की संख्या के अनुसार वित्तीय अनुदान भी प्रदान किया जाता है

गौशालाओं में पशुओं की भीड़
हरियाणा के एक ‘गौ रक्षक’ ने दावा किया कि राज्य में अधिकांश गौशालाओं में अत्यधिक भीड़ है, जबकि कुछ मवेशी शेड थे जहां गायों को दुहने के बाद सड़कों पर छोड़ दिया जाता था। बताया कि ये मवेशी गाय तस्करों के निशाने पर हैं, जिन्होंने ऐसे जानवरों का पता लगाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद भी ली और रात में नाममात्र की सुरक्षा व्यवस्था का लाभ उठाते हुए इनकी तस्करी करने में भी कामयाब रहे।