November 6, 2024

नाबार्ड और कपड़ा मंत्रालय के सहयोग से मेले में स्वरोजगार को मिल रही नई दिशा

Faridabad/Alive News: आधुनिक जमाने में हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने में जूतियों को अक्सर हरियाणा की देहाती महिलाओं का पहनावा समझते हैं। लेकिन अब आधुनिकता के दौर में यह जूतियां भी सभी वर्गों की महिलाओं और युवतियों के बीच स्टेटस सिंबल बन गई है। इनमें मेला परिसर में उपलब्ध शॉफ्ट लैदर जूतियां महिलाओं को खासी लुभा रही हैं। ऐसी ही भीड़ अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में स्टॉल नंबर 785 पर शॉफ्ट लैदर से निर्मित हैंड मेड पंजाबी और राजस्थानी जूतियां खरीदने के लिए महिलाओं की लगी रहती है।

36 वे सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में इस बार पांच सौ प्रकार की चमड़ा, फैदर, राजस्थानी वर्क जड़ी चप्पलें और जूतियां कई स्टालों पर उपलब्ध हैं, जिनकी अच्छी खासी डिमांड होने के कारण महिलायें जमकर खरीदारी कर रही हैं। हथकरघा कारीगर और शिल्पकारों को मेला परिसर में मिल बेहतरीन प्लेटफार्म मिला है। नाबार्ड के सहयोग से स्वरोजगार चला रहे रोहतक निवासी कपिल बताते हैं कि वे रोहतक, हिसार, जींद आदि जिलों में कच्चा माल स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मुहैया कराते हैं ,और तैयार माल को दिल्ली, रोहतक, पंजाब,राजस्थान आदि राज्यों और शहरों में बिक्री करते हैं। उन्होंने बताया कि महिला समूह के माध्यम से जूती और स्लीपरों पर राजस्थानी कढ़ाई का वर्क कराया है, जिसका महिलाओं में अच्छा खासा क्रेज देखने को मिल रहा है।