Education/Alive News: हरियाणा के सरकारी कॉलेजो में नियमित शिक्षकों के रिक्त पदों पर हरियाणा हाई कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा है कि नौकरी सुरक्षित न होने की वजह से मेधावी आवेदन नहीं करते हैं ऐसे में विद्यार्थियों को ही उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। सरकारी कॉलेजो में देखा जाये तो टीचिंग स्टाफ के लगभग 60 फीसदी पद फिलहाल खाली पड़े हैं। हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव को इस बाबत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है।
कोर्ट का कहना है कि यह एक गंभीर परेशानी है। इतनी बड़ी संख्या में खाली पदों को देखते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को यह बताने का भी आदेश दिया है कि रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि संविदा नियुक्तियों में योग्यता महत्वहीन हो जाती है और ऐसे में नियमित नियुक्तियां आवश्यक हैं। एक्सटेंशन लेक्चरारों की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कॉलेजों में शिक्षकों के मंजूर पदों और रिक्त पदों की जानकारी मांगी थी कोर्ट में दी गई नवीनतम जानकारी के अनुसार, हरियाणा राज्य के सरकारी कालेजों में विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसरों के 4738 स्वीकृत पद वर्तमान में खाली पड़े हैं।हरियाणा के कालेजों में शिक्षण स्टाफ की कुल स्वीकृत संख्या 8137 पद है।
हालांकि, राज्य सरकार वर्तमान शैक्षणिक सत्र के आधार पर इन संस्थानों के कार्यभार पर विचार करने के बाद इन पदों को भरने की योजना बना रही है। निदेशक, उच्च शिक्षा हरियाणा द्वारा रिक्तियों की स्थिति के संबंध में हाई कोर्ट में इस बाबत जानकारी दी गई है। सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वर्तमान में हरियाणा राज्य के सरकारी कालेजों में विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसरों के 4738 स्वीकृत पद विभाग में रिक्त पड़े हैं। उच्च शिक्षा हरियाणा द्वारा विभिन्न विषयों में सहायक प्रोफेसर के 1535 पदों की मांग 2 सितंबर, 2022 के पत्र के माध्यम से भर्ती के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) को भेजी गई थी, लेकिन एचपीएससी के स्तर पर इसे रोक कर रखा गया है।
शिक्षा विभाग ने 11 नवंबर, 2022 की अधिसूचना के माध्यम से यूजीसी विनियम 2018 को अपनाया है। 11 नवंबर, 2022 की अधिसूचना में सहायक प्रोफेसर (कॉलेज कैडर) की भर्ती/नियुक्ति में शैक्षणिक योग्यता/पात्रता आरक्षण आदि में कुछ संशोधन किए गए हैं। सहायक प्रोफेसरों के सेवा नियमों में संशोधन किया जा रहा है और पहले से ही अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और वित्त विभाग सहित सक्षम अधिकारियों और विभागों को भेजा जा चुका है। यह भी बताया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के लिए कार्यभार के आकलन के आधार पर विभाग द्वारा विभिन्न विषयों में सहायक प्रोफेसर के सभी स्वीकृत रिक्त पदों की नई मांग एचपीएससी को भेजी जाएगी। हाईकोर्ट ने लंबे समय से इतने अधिक पद रिक्त होने पर कड़ा रवैया अपनाते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है और इस कार्य में देरी नहीं होनी चाहिए। ऐसे में अगली सुनवाई पर मुख्य सचिव हलफनामा दाखिल कर इन पदों को भरने के बारे में उठाए गए कदमों और योजना की विस्तृत जानकारी दें।