Faridabad/Alive News: सराय ख्वाजा के राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयमें सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, जूनियर रेडक्रॉस तथा गाइडस द्वारा अड़तीसवें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडे के समापन कार्यक्रम में मृत्युपरांत नेत्रदान को पारिवारिक और सामाजिक परंपरा बनाने के लिए प्रेरित किया गया। जूनियर रेडक्रॉस काउन्सलर व ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने सभी से मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने को पारिवारिक परम्परा बनाने को समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि हमें श्रीलंका से सीख लेते हुए अंधता निवारण कार्यक्रम को सफल बनाना है।
उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार देश में नेत्रहीनता के कुल मामलों में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस की समस्या लगभग 7.9 प्रतिशत बढ़ी है। रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष लगभग 20 हजार नए नेत्रहीनता के मामलों में वृद्वि होती है। देश में प्रति वर्ष लगभग 2 लाख कार्निया की आवश्यकता होती है। जबकि जागरूकता के कारण से नेत्रदान में अभी भी प्रगति हो रही है लेकिन यह अपर्याप्त है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि मृत्यु उपरांत नेत्रदान कर के ऐसे लोगों के जीवन में जो ईश्वरीय उपहार से वंचित हैं के जीवन में भी प्रकाश फैलाया जा सकता है और एक करे नेत्रदान, दो का उजला करे जहान को चरितार्थ होता किया जा सकता है।
नेत्रदान पखवाड़ा के समापन कार्यक्रम के सफल आयोजन पर प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने प्राध्यापिका गीता का विशेष अभिनंदन करते हुए कहा कि नेत्रदान बारे में आवश्यकता यह है कि परिवार में, मित्रों और संबंधियों से इस विषय में विचार विमर्श अवश्य किया जाए। आज प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, गीता और प्राध्यापिका ममता ने छात्रा पायल, प्रियंका निशा, मोनिका और काजल का सुंदर और आकर्षक पोस्टर बनाने के लिए सम्मानित कर अभिनंदन किया और कहा कि घर में सभी से नेत्रदान बारे विचार विमर्श करें तथा मृत्योप्रांत नेत्रदान सामाजिक परंपरा बनाएं।