November 16, 2024

दांव पर है 25 लाख स्कूली बच्चों की सुरक्षा

Faridabad/Alive News : राज्‍य सूचना अायोग ने हरियाणा में स्‍कूली बच्‍चों की सुरक्षा की अनदेखी पर नाराजगी जताई है। राज्‍य में सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद हरियाणा में 25 लाख स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षा मानक लागू नहीं किए जा रहे हैैं। आयोग इससे खफा है। राज्य सूचना आयुक्त हेमंत अत्री ने शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव को अगले दो माह के भीतर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानक लागू करने को हरसंभव संभव कदम उठाने की हिदायत दी हैै।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर राज्य सूचना आयुक्त ने लिया कड़ा संज्ञान
सूचना आयुक्त ने कहा है कि यदि सुरक्षा मानक लागू करने में कहीं कोई अधिकारी लापरवाह अथवा दोषी पाया जाता है तो सेवा नियमों के तहत उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हेमंत अत्री ने फरीदाबाद निवासी आरपी शर्मा की एक अपील पर अंतिम निर्णय देते हुए यह आदेश जारी किया है।

शिक्षा विभाग को दो माह के भीतर सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू करने के निर्देश दिए
इसके साथ ही उन्होंने आरपी शर्मा को तीन हजार रुपये मुआवजा देने के आदेश दिया। हेमंत अत्री ने इस बात पर हैरानी जताई कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 2004 की सिविल अपील संख्या 483 में यह शपथपत्र दिया कि प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षा मानक लागू कर दिए गए हैं, लेकिन हकीकत में अधिकारियों के पास इन्हें लागू करने या स्कूलों के निरीक्षण का रिकार्ड ही मौजूद नहीं है।

बच्चों के संवेदनशील मामले पर चूक कैसे कर रहे अधिकारी
हेमंत अत्री ने बच्चों की सुरक्षा जैसे अति संवेदनशील मसले पर अधिकारियों की बेरूखी पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लगता है कि इस तरफ किसी का भी ध्यान ही नहीं है। उन्होंने बाल सुरक्षा मानकों के प्रति इस लापरवाही को अमानवीय करार देते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों के इस उपेक्षापूर्ण रवैए की निंदा की जानी चाहिए।

याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराना होगा रिकार्ड नहीं होने का शपथपत्र
हरियाणा में स्कूली शिक्षा विभाग की एसीएस को सूचना कानून की धारा 25 (5) के तहत इस दिशा में 60 दिनों के भीतर सभी जरूरी कदम उठाने की हिदायत दी गई है। हेमंत अत्री ने गुरुग्राम की नगर मजिस्ट्रेट मनीषा शर्मा को 10 दिनों के भीतर याची आरपी शर्मा को शपथपत्र देने को कहा है जिसमें वह स्वीकार करें कि उनके पास आरटीआइ आवेदन में मांगी गई सूचनाएं व स्कूलों का निरीक्षण रिकार्ड में मौजूद नहीं है। गुरुग्राम के जिला शिक्षा अधिकारी पहले ही शपथपत्र देकर यह रिकार्ड मौजूद न होने की बात कह चुके हैं।