New Delhi/Alive News: मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए हर साल NEET की परीक्षा आयोजित की जाती है। इस बार NEET पीजी में प्रवेश के लिए कट ऑफ मार्क्स को जीरो कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी पीजी कोर्स में 247 सीटें खाली रह गई हैं। इसके अलावा यूजी कोर्स में भी 485 सीटें रिक्त हैं। ये सभी सीटें ऑल इंडिया कोटे की हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीन पवार ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी है। उनसे पूछा गया था कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कितनी यूजी और पीजी की मेडिकल सीटें खाली हैं. इस सवाल के जवाब में उन्होंनेन्हों नेखाली सीटों का आंकड़ा बताया। उनसे ये प्रश्न भी पूछा गया था कि क्या आरक्षित श्रेणियों की तुलना में कम अंक पाने वाले जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स पीजी कोर्स में प्रवेश ले रहे हैं और क्या कम मार्क्स वाले स्टूडेंट्स को सीटें
मिल रही हैं।
इन सवालों के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार ऑल इंडिया कोटे की मेडिकल सीटों पर एडमिशन नहीं हो पाया है। खाली सीटों को भरने के लिए पीजी एडमिशन के लिए न्यूनतम क्वालिफाइंग परसेंटाइल को जीरो कर दिया गया था। ताकि NEET पीजी का एग्जाम देने वाला हर उम्मीदवार काउंसलिंग में भाग ले सके। NEET पीजी की रिक्त सीटों को भरने के लिए काउंसलिंग के दौरान स्पेशल स्ट्रे वैकेंसी राउंड भी करवाया गया था।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2014 के बाद से MBBS की 112 प्रतिशत सीटें भरी है। वहीं मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर 706 हो गई है। इस दौरान MBBS की सीटें 51,348 से 1,8,940 हो गई है और पीजी की सीटें 31,185 से बढ़कर 70,674 हो गई है। आपको बता दें कि मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की तरफ से डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ साइंस के तहत NEET पीजी की काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित की जाती है। इसमें खाली सीटों को भरने के लिए मिनिमम क्वालिफाइंग परसेंटाइल को जीरो कर दिया गया था, ताकि सभी उम्मीदवारों को प्रवेश मिल सके ।