मुंबई 6 अप्रैल : महाराष्ट्र की POTA कोर्ट ने 2002-03 ब्लास्ट केस में मुजम्मिल, वाहिद और फरहान खोट को उम्रकैद की सजा सुनाई है। चार दोषियों को बरी कर दिया गया है। इन लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली थी। बाकी तीन दोषियों को दो साल और जेल में रहना होगा। बता दें कि मुंबई के तीन लोकल रेलवे स्टेशनों पर ये ब्लास्ट हुए थे। 12 लोग मारे गए थे, जबकि 130 जख्मी हुए थे। सिमी मेंबर्स ने रची थी साजिश…
– दिसंबर 2002 से मार्च 2003 के बीच मुलुंड, मुंबई सेंट्रल और विले पारले स्टेशन और आसपास के इलाकों में तीन ब्लास्ट हुए थे।
– 10 आरोपियों को पोटा और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी माना गया था।
– तीन आरोपियों नदीम पलोबा, हरुन लोहार और अदनान मुल्ला को बरी किया जा चुका है।
– ब्लास्ट को सिमी मेंबर्स की साजिश बताया गया था। पुलिस ने कुल 16 लोगों को अरेस्ट किया था।
– चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगों का बदला लेना चाहते थे।
– सिमी का पूर्व जनरल सेक्रेटरी साकिब नचान मास्टरमाइंड था।
ब्लास्ट: एक नजर में
– पहला ब्लास्ट: 6 दिसंबर, 2002। मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के पास एक रेस्टोरेंट में हुआ। 40 लोग जख्मी हुए थे।
– दूसरा ब्लास्ट: 27 जनवरी, 2003। विले पारले रेलवे स्टेशन के बाहर मार्केट में। 35 लोग जख्मी हुए थे।
– तीसरा ब्लास्ट: 13 मार्च, 2003। मुलुंड स्टेशन पर लोकल ट्रेन में। 12 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा जख्मी हुए थे।