फरीदाबाद : लंबे अर्से तक अपनी रोशनी से शहर को जगमग करने वाला बाटा थर्मल पावर प्लांट फिर से रोशन होगा। इसकी जगह को सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए उपयोग किया जाएगा। इस पर सरकार पर विचार कर रही है। ऐसे में एक बार फिर से सुनसान पड़े बाटा थर्मल पावर प्लांट को नई जिंदगी मिल सकती है। वर्ष 2010 में इस पावर प्लांट को बंद कर दिया गया था। अब इस जगह पर सोलर पावर प्लांट लगाकर शहर को बिजली सप्लाई उपलब्ध कराने पर विचार चल रहा है।चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने को लेकर मीटिंग हुई। इसमें प्रतिष्ठित कम्पनियों अन्य विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया था। बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फरीदाबाद थर्मल पावर स्टेशन के पड़े 342 एकड़ क्षेत्र को सोलर पावर संयंत्र स्थापना के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। फरीदाबाद में थर्मल प्लांट की नींव सन 1955 में 2 मेगावाट की यूनिटों के साथ रखी गई थी। इसके बाद वर्ष 1960 में 15 मेगावाट की यूनिट स्थापित की गई थीा। जिसने कुछ समय तक ऊर्जा उत्सर्जन किया। इसके बाद 1974 में 60 मेगावाट की पहली यूनिट रखी गई। जबकि 1976 में दूसरी और 1980 मेंं तीसरी यूनिट की नींव रखी गई। शुरुआत में इन तीनों यूनिटों की क्षमता 60 मेगावाट रखी गई थी। समय बीतने के साथ इनकी क्षमता घटकर 55 मेगावाट कर दी गई। अपने कार्यकाल के अंतिम स्टेज पर तीसरी यूनिट 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया। वर्ष 2010 इसकी कंडम स्थिति को देखते हुए प्लांट को बंद कर दिया गया।