June 14, 2025

सीएम पद से इस्तीफा देना है…जब विजय रुपाणी के सवाल पर चौंक गए बीएल संतोष, जानिए करिश्माई नेता की 10 बातें

Political/Alive News : गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री रहे विजय रुपाणी ने अपने सरल व्यक्तित्व से अलग छाप छोड़ी। यही वजह है कि उनके असमय निधन पर उनके करीबियों के साथ बीजेपी में भी शोक है। विजय रुपाणी में जन्म नहीं हुआ लेकिन उन्होंने भारत आकर सियासत में लंब सफर तय किया।

पार्षद से सीएम तक का सफर-
रुपाणी ने गुजरात में लंबे समय तक संगठन के लिए काम किया। उन्हाेंने राजकोट के पार्षद, स्टैंडिंग चेयरमैन, मेयर और फिर विधायक बनने के बाद संसद के उच्च सदन में प्रतिनिधित्व किया। जब वह गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष थे तो उन्हें इसके बाद सीएम बनने का मौका मिला। संगठन की गहरी समझ रखने वाले रुपाणी जब आज नहीं है तो उनका एक किस्सा हर किसी चर्चा में है। 12 दिसंबर, 2012 को जब विजय रुपाणी ने सीएम के पद से इस्तीफा दिया था तो कोई इसे नहीं भांप पाया था लेकिन इसके काफी दिन बाद रुपाणी ने खुद एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि कैसे बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष उनके सवाल पर आवाक् रह गए थे।

पूछा था कि कब इस्तीफा देना है-
विजय रुपाणी ने एक निजी पॉडकास्ट में बताया था कि जब बीएल संतोष जी मेरे घर आए तो मैंने सीधा पूछ ही लिया कि बोलो कब इस्तीफ़ा देना है? बीएल संतोष हैरान थे की उन्हें कैसे पता चला? इसके जवाब में विजय रुपाणी ने पॉडकास्ट में कहा था कि मैंने भी संगठन मैं काम किया है। दिल्ली से फोन करके कह देते तो भी इस्तीफा दे देता, यहां तक कष्ट लेने की जरूरत नहीं थी। विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात में बीजेपी ने नो रिपीट थ्योरी लागू की थी। जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई थी। बीजेपी सीएम समेत पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था। विजय रुपाणी गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सिर्फ 176 दिन रहे लेकिन उनके नाम पर अनोखा रिकॉर्ड है कि वह गुजरात बीजेपी के एकमात्र नेता हैं जो सरकार और संगठन दोनों के प्रमुख बने।