जयपुर 1 अप्रैल : शहर के एक फोटोग्राफर शुभम मानसिंह ने हाल ही में लद्दाख की वादियों में जाकर ट्राइब्स की फोटोज ली है। कहा जाता है कि 5 हजार साल पुरानी ये ट्राइब आर्यन की वंशज हैं। ये सालों से पाकिस्तान से जुड़ने वाली लद्दाख की सीमा के पास रहते हैं। सिर्फ दो हजार लोग ही बचे हैं इस ट्राइब के…
अपने ही परिवार में कर सकते हैं शादी
-ये है लद्दाख की ब्रोक्पा ट्राइब। जो यहां हनू, दह, गारकोन और दारहिक्स गांव में रहती हैं।
– अब इस ट्राइब में केवल 2000 लोग ही बचे हैं। जिन्हे दार्द कहा जाता है।
– कहा जाता है कि ये ट्राइब असली आर्यन वंशज हैं। इसलिए अपने ट्राइब की प्योरिटी के लिए वे बाहरी समुदाय में शादी नहीं करते।
– इस ट्राइब में कोई के लोग बिना शादी के भी नजदीकी रिश्ते बना सकते हैं। इनमें शादी से पहले भी संबंध बनाने की परमिशन है।
– ये अपने ही परिवार में शादी भी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें तीसरी पीढ़ी तक इंतज़ार करना होता है।
– इसका मतलब कि वे बहन या बहन की बेटी से शादी नहीं कर सकते हैं। लेकिन अपनी बहन की ग्रैंडडॉटर के साथ शादी कर सकते हैं।
अलेक्जेंडर के सैनिकों के वंशज
– यहां के लोग बताते हैं कि शुरू में आर्यन प्रजाति के चार लोग इन गावों में रहने आए थे।
– ये सभी अलेक्जेंडर की ग्रीक आर्मी के सिपाही थे, जो ग्रीस लौटते वक्त अपना रास्ता भूल गए थे।
– जिसके बाद वे लद्दाख की वादियों में आकर बस गए।
– लद्दाख के बाकी लोगों से अलग इनकी आखों का रंग नीला होता है।
ट्रेडिशनल लाइफ है इनकी
– अभी भी इस ट्राइब के लोग मिट्टी और पत्थरों से बने घरों में रहते हैं।
– ये लोग गाय और लाह की पूजा करते हैं। इसके साथ गाने, वाइन, गहने और फूल इनके कल्चर का अहम हिस्सा हैं।
– यहां हर तीन साल में एक बार होने वाले त्योहार बोनो-ना के दौरान ही लड़के, लड़कियों का हाथ मांगते हैं।
– इस फेस्टिवल में लड़कियां गाने गा कर लड़कों को इम्प्रेस करती हैं। जिसके बाद वे किसी का भी हाथ मांग सकते हैं।
कौन हैं फोटोग्राफर शुभम मानसिंह
– शुभम एक ट्रैवल फोटोग्राफर हैं, जिन्होंने अपना बिजनेस छोड़कर फोटोग्राफी को चुना है।
– वे अकेले ही ट्रैवल करते हैं और ऐसी जगह पर जाते हैं जहां कोई ना पहुंचा हो।
– इसके साथ ही उन्होंने फाइनेंस और इकोनॉमिक्स में डिग्री भी ले रखी है।