Indore : हजार और पांच सौ के नोट बंद होने के बाद देवास के सिया गांव की पंचायत में एक ऐसा नजारा सामने आया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। भीख मांगकर गुजारा करने वाला एक नेत्रहीन बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ पंचायत पहुंचा। उसने अपनी पोटली से एक लाख रुपए के पुराने नोट निकालकर टेबल पर रख दिए। इसके बाद वे इन नोटों को सरपंच से बदलने की गुजारिश करने लगा।
पढ़ें, चूहों ने कुतर दिए थे हजारों रुपए…
– सरपंच सिंह पंवार ने बताया कि सुबह जब वे अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी अचानक बुजुर्ग सीताराम उनके पास आए और कहा मुझे आपसे कुछ काम है।
– मैंने उन्हें पंचायत के दफ्तर आने को कहा तो वे 12 बजे के करीब अपनी पत्नी और गोद लिए हुए बेटे के साथ एक पोटली लेकर पहुंचे।
– मुझे ऐसा लगा कि वे जमीन के पट्टे या किसी दूसरे सरकारी काम से आए होंगे। मैंने उन्हें बैठने का कहा तो बैठने की जगह वे अपनी पोटली खोलकर हजार और पांच सौ के नोट टेबल पर रखने लगे।
– देखते ही देखते उन्होंने टेबल पर नोटों का ढेर लगा दिया। उनके पास कुल मिलाकर 1 लाख 7 हजार पांच सौ रुपए निकले।
– इनमें से 5 सौ के 19 नोट ऐसे थे, जिन्हें चूहे कुतर गए थे, बाकि 98 हजार रुपए के नोट सही थे।
– पैसे रखकर पति-पत्नी दोनों मुझसे कहने लगे कि भैया हमने घर बनाने के लिए पैसे इकट्ठे किए थे अब सरकार ने नोट बंद कर दिए हैं, आप इन्हें बदलवाकर नए नोट दिलवा दो।
– पंचायत में मेरे अलावा सचिव एजाज पटेल और कुछ और लोग भी थे। ये देखकर हम सब हैरान रह गए।
– मैंने उन्हें कहा कि बाबा इतना पैसा एक साथ बदला नहीं जा सकता। ये पैसा बैंक अकाउंट में जमा हो सकता है।
– उन्होंने कहा कि हमारा कोई बैंक अकाउंट नहीं है। इस पर मैंने बैंक मैनेजर से बात की।
– मैनेजर ने एक-दो दिन में उनका अकाउंट खोलने और साथ में खर्चे के लिए 4 हजार रुपए बदलने की बात कही है।
– उल्लेखनीय है कि सीताराम मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। वे पिछले 35 साल से वे साल के 7-8 महीने सिया गांव में रहते हैं, बाकि समय अपने गांव चले जाते हैं।
– कुछ समय पहले उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के लड़के को गोद लिया था।