New Delhi/Alive News : आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है, “अगर जवान शिकायत करना चाहते हैं तो सही प्लेटफॉर्म पर रखें। मुझसे सीधे भी बात कर सकते हैं। जिस तरह वीडियो पोस्ट किया है, उससे तो उन्हें सजा भी मिल सकती है।” उन्होंने ये भी कहा, “बॉर्डर पर शांति बहाली को हमारी कमजोरी नहीं समझा जाए। किसी ने उकसाया तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।” रावत ने ये बात रविवार को आर्मी डे के मौके पर कही। आने वाली चुनौतियों के लिए विचार करने की जरूरत…
– रावत ने कहा, “जवानों को उनकी अचीवमेंट्स के लिए बधाई देता हूं। कीप इट अप।”
– “हमें आने वाली चुनौतियों के लिए विचार करने की जरूरत है।”
– “जम्मू-कश्मीर में बीते साल हालात नाजुक हो गए थे। लेकिन हम उन्हें सुधारने में कामयाब रहे।”
– “किसी भी उत्तेजित करने वाली कार्रवाई पर जवाब देने में नहीं हिचकिचाएंगे। सीजफायर वॉयलेशन का जवाब दिया जाएगा। हमें हमेशा तैयार रहना होगा।”
– “चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सुधार आया है। यकीन है कि हमारे प्रतिद्वंद्वी ताकत को पहचानते हैं।”
– “हमारी सीमा पर शांति बहाली की प्रक्रिया को कमजोरी की नजर से नहीं देखा जाए।”
– रावत ने जवानों को गैलंटरी अवॉर्ड भी दिए।
जवानों के वीडियो पर क्या बोले रावत ?
– रावत ने कहा, “कुछ साथी अपनी समस्या को रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। इसका असर सीमा पर तैनात बहादुर जवानों पर पड़ता है।”
– “अगर जवान कोई शिकायत करना चाहते हैं तो सही प्लेटफॉर्म पर रखें। अगर वे कार्यवाही से संतुष्ट नहीं होते तो मुझसे भी बात कर सकते हैं।”
– “जिस तरह कुछ साथियों ने वीडियो पोस्ट किया, उसके लिए उन्हें सजा भी मिल सकती है।”
– बता दें हाल ही में बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव, सीआईएसएफ के जीत सिंह और आर्मी के जवान यज्ञप्रताप सिंह का वीडियो सामने आया था।
‘आर्मी हेडक्वार्टर समेत बाकी कमांड्स में शिकायत बॉक्स लगाए जाएंगे’
– 13 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी चीफ ने कहा था- “सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने की बजाय जवानों को अफसरों को अप्रोच करना चाहिए। बात को बाहर नहीं ले जाना चाहिए।”
– “हम जवान के वीडियो की जांच कराएंगे। आर्मी हेडक्वार्टर और बाकी कमांड्स में सुझाव और शिकायत के लिए बॉक्स हैं। जवान चाहें तो शिकायतें उसमें डाल सकते हैं। शिकायतें दूर करने के लिए कार्रवाई होगी।”
– “किसी भी जवान को किसी भी तरह की शिकायत हो तो वो मुझे सीधे कह सकता है। अगर जवान कार्रवाई से खुश नहीं रहता, तो उसे दूसरे रास्ते अख्तियार करने का हक है।”
– “12 लाख से ज्यादा की हमारी फौज है। कई बार शिकायतें होती हैं। लेकिन उसका खुले तौर पर डिटेल नहीं दिया जा सकता।”
– ” जवान खुले तौर पर अपनी बात नहीं कह पाते। उनकी बात दबी रह जाती है।”
– आर्मी चीफ ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि शिकायतकर्ता की पहचान उजागर न की जाए।