संगरूर 16 अप्रैल : गौ रक्षक बनकर लोगों से 20 किलो गेहूं और 1 क्विंटल तूड़ी लेने वाला शख्स कई साल से अपने घर के पिछले हिस्से में बूचड़खाना चला रहा था। यहां से मास उत्तर प्रदेश भेजा जाता था। पुलिस को कई साल से चल रहे अवैध कारोबार की भनक तक नहीं लगी। गोरक्षा दल की पुख्ता खबर के बाद पुलिस ने वीरवार देर रात छापेमारी कर मास और जमीन में दबाए गए गो अवशेष बरामद किए। घर के फ्रिज भरा था मांस…
– इस मामले में मुख्य आरोपी 50 वर्षीय सरताज समेत 6 लोगाें को गिरफ्तार किया गया है जबकि 5 अभी भी फरार हैं।
– राजपुरा के गोरक्षा दल के राष्ट्रीय प्रधान सतीश कुमार ने बताया कि उनको पता चला था कि संगरूर जिले में बूचड़खाना चलाया जा रहा है।
– 40 सदस्यीय टीम लेकर वह शाम 7 बजे पहुंचे और रात 12 बजे लोकेशन कन्फर्म होने पर एसएसपी को सूचित किया।
– इसके बाद 3 एसएचओ ने भारी पुलिस बल के साथ रेड की तो मामला साफ हाे गया। घर के फ्रिज में भी मास भरा था।
गो रक्षा की आड़ में कत्ल
– उसके खेत में 10-15 गौ- बैल हमेशा बंधे रहते थे। मकान के साथ ही हड्डारोड़ी होने के कारण किसी को शक नहीं हुआ।
– गांववालों का कहना है कि वह कभी सोच भी नहीं सकते थे कि सत्तार इतना घिनौना काम करता होगा।
– गोरक्षा दल का दावा है कि पिछले 4 साल में डेढ़ हजार से ज्यादा पशुओं का कत्ल किया गया।
– लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
6 लोगाें को गिरफ्तार पांच अभी भी फरार
– मकान मालिक सत्तार अली, उसकी पत्नी, दिलशाद मोहम्मद उर्फ सोनल, रिंकू सिंह, मोहम्मद हलीम, खुशी मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया गया।
– जबकि मोहम्मद सलीम उर्फ काका खुसा, दिलशाद हाजी कुरैशी, राजिन्द्र सिंह, मोहम्मद नफीस, मोहम्मद भूरा की तलाश की जा रही है।
– आरोपी ने घर को दो हिस्सों में बांटा हुआ था। अगले हिस्से में दो कमरे रहने के लिए बनाए थे और पिछले हिस्से में बूचड़खाने का अवैध कारोबार चलता था।
– आशंका जताई जा रही है कि बाहर से कुछ लोगों की टीम घर में आती थी और पशुओं को काटकर मास ले जाती थी। अवशेषों को जमीन में गड्ढे खोदकर दबा देते थे।
जहां खोदा, वहीं निकले अवशेष
– मामला संवेदनशील देख एसएसपी प्रितपाल सिंह 22 एसएचओ, 7 डीएसपी और भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
– 2 जेसीबी मशीनों ने जहां भी खुदाई की, वहीं से पशुओं के अवशेष मिले। 400 गज में बने घर को गिरा दिया गया है।
– पशु चिकित्सक माहिरों के सैंपल मिलने के बाद अवशेषों को उसी जमीन में दबा दिया गया।
– सत्तार अली के घर से मास के 10 सैंपल लेकर जालंधर स्थित लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं।