Faridabad/Alive News : लिंग्याज शिक्षण संस्थान द्वारा फ्रीडम-2016 के नाम से मनाए जा रहे दो दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक समारोह का शुभारंभ करते हुए प्रसिद्ध सिने अभिनेता गुलशन ग्रोवर ने युवाओं का आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न करें। ज्ञान ही जीवन में ऐसी कुंजी है जो इंसान को आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है। ग्रोवर ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को छात्रों के साथ साझा किया।
शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति अपना भविष्य और समाज की राह बदल सकता है। शिक्षा से ही प्रेरणा की शक्ति मिलती है। शिक्षा प्राप्त करने के बाद व्यक्ति जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना बड़ी सहजता से कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज की युवा शक्ति के सामने ढेरों समस्याएं होने के बावजूद आगे बढऩे की क्षमता पुराने समय के मुकाबले कहीं अधिक है।
उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे शिक्षा के बाद माता-पिता और गुरूजनों के संस्कारों को आगे बढ़ाए और इन्हीं संस्कारों के द्वारा ही वे अपनी मंजिल को पाने में कामयाब हो सकते हैं। आज के युवाओं में बड़ी योग्यता है। इस योग्यता का हमें समाज और युवाओं के विकास में सहयोग करने की आवश्यकता है। ग्रोवर ने स्टेज पर अपने फिल्मी डॉयलॉग बोलकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर संस्थान के सीईओ डॉ.पिचेश्वर गड्डे, कुलपति डॉ.आर के चौहान, उप कुलपति पीवी रामाराजु ने मुख्यातिथि ग्रोवर को स्मृति चिंह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। लिंग्याज पब्लिक स्कूल के छात्रों द्वारा बेटी के जीवन से संबद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ग्रोवर ने दिल से सराहना की, वहीं लिंग्याज यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं द्वारा मनभावन पंजाबी नृत्य प्रस्तुत किए गए।
समारोह के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए गुलशन ग्रोवर ने पूछे गए सभी प्रश्नों के बेबाक जवाब दिए। पाकिस्तानी कलाकारों का भारतीय फिल्म इंडस्ट्रीज में शामिल होने पर पूछे गए प्रश्र को वे बडी ही चतुराई से घुमा गए। उन्होंने कहा कि शिक्षा और कला एक दूसरे से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने शिक्षा से लेकर फिल्मों का सफर बडी मेहनत से किया है और फिल्म इंडस्ट्रीज में माता-पिता के संस्कारों से अहम स्थान बनाया है।
400 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके गुलशन ग्रोवर ने अपनी आने वाली दो नई फिल्मों – बैडमैन एवं महायोद्धा राम के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी और बताया कि बॉलीवुड से हॉलीवुड तक जाने वाले वे (ग्रोवर) ही पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने पगडंडी बनाकर कलाकारों के लिए रास्ता खोला, जिस पर अब नए कलाकार सीमेंटेड सडक़ें भी बना चुके हैं।