नई दिल्ली : भारत का फरार मुजरिम और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गिरफ्तार हो गया है। उसे इंडोनेशिया की पुलिस ने सोमवार को बाली में पकड़ा। भारतीय गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है। इंडोनेशिया के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है, जिसकी वजह से छोटा राजन को भारत लाना शायद बहुत मुश्किल न हो। सूत्रों के मुताबिक इस ऑपरेशन के लिए विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह खासतौर पर इंडोनेशिया गए थे और वह कागजी कार्रवाई करके वापस लौट आए हैं।
छोटा राजन की अचानक गिरफ्तारी से उठे कई सवाल
मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की अचानक गिरफ्तारी से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इसमें प्रमुख सवाल यह भी है कि राजन की गिरफ्तारी क्या उसकी सहमति से हुई है? बताया जाता है कि छोटा राजन देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का करीबी रहा है। इसके अलावा भारतीय एजेंसियों से भी उसकी नजदीकियां रही हैं। ऐसे में इंडोनेशिया में उसकी अचानक गिरफ्तारी स्वाभाविक रूप से प्रश्न पैदा करने वाली है।
भारत के फरार मुजरिम छोटा राजन की जो ताजा तस्वीरें सामने आई हैं उनमें वह बाली पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद मुस्कराता हुआ दिखाई दे रहा है। यह तस्वीरें खुद ही कुछ कहने की कोशिश कर रही हैं। जिसकी कई सालों से तलाश थी उसकी इतनी आसानी से गिरफ्तारी हैरत में डालने वाली है।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस की सूचना में इंडोनेशिया में गिरफ्तार राजन
बाली पुलिस के प्रवक्ता हेरी वियानतो ने एएफपी को बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर इंडानेशियाई अधिकारियों ने रविवार को राजन को सिडनी से बाली के एक चर्चित रिजॉर्ट में जाते हुए हिरासत में लिया।
गिरफ्तारी के बाद बयान
इंडोनेशिया की पुलिस ने उसे सिडनी से बाली आते हुए रविवार को गिरफ़्तार किया। गिरफ्तारी के बाद जारी बयान में बताया गया, राजेंद्र सदाशिव निखलजे नाम के एक भगोड़े को पकड़ा गया है। इसका पासपोर्ट नंबर जी-9273860 है। इसके बारे में कैनबरा पुलिस ने जानकारी दी। इसका अरेस्ट वारंट भारत में 1994 को जारी किया गया और 1995 में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया।
भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी
सोमवार को पहले सीबीआई ने तस्दीक की कि उसके सहयोग से छोटा राजन को पकड़ा गया है और बाद में गृहमंत्री ने कहा कि अब उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी हालांकि दो दशक से फरार इस मुजरिम की गिरफ्तारी को लेकर कई कयास भी चल रहे हैं।
दाऊद गिरोह से रहा है टकराव
कभी दाऊद का दाहिना हाथ रहा यह शख्स बाद में दाऊद गिरोह से टकराता रहा। हाल के दिनों में उस पर हमले भी हुए। इसलिए सवाल उठ रहा है कि कहीं ये गिरफ्तारी उस टकराव का ही नतीजा तो नहीं।
दाऊद की डी कंपनी को टक्कर देने वाला कोई नहीं बचा
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की इंडोनेशिया मे गिरफ्तारी से मुंबई अंडरवर्ल्ड का समीकरण बदल सकता है। माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी को टक्कर देने वाला अब कोई नहीं बचा। छोटा राजन की गिरफ़्तारी बड़ी कामयाबी है तो कई सवाल भी उठ रहे हैं कि भारतीय एजेंसियों की मदद करने वाला डॉन आखिर कैसे पकड़ लिया गया?
मोहन कुमार नाम से बनवा रखा था फर्जी पासपोर्ट
अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए छोटा राजन ने मोहन कुमार के फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवा रखा था। सिडनी में बने इस पासपोर्ट से वह कई बार ऑस्ट्रेलिया से बाहर जाकर वापस भी आ चुका था, लेकिन रविवार को इंडोनेशिया में बाली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। जानकार इसे बड़ी कामयाबी मान रहे हैं।
1995 से इंटरपोल की वॉन्टेड लिस्ट में था राजन
55 साल का यह गैंगस्टर दो दशकों से फरार था और साल 1995 से ही इंटरपोल ने इसे वॉन्टेड लिस्ट में डाल रखा था। वियांटो ने एएफपी को बताया, हमें कल (रविवार को) एक हत्या के लिए रेड नोटिस के बारे में कैनबरा पुलिस से सूचना मिली थी। हमने कल एयरपोर्ट पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। फिर हमें पता चला कि यह शख्स भारत में 15 से 20 हत्याओं को अंजाम दे चुका है। वियानतो ने कहा, ‘बाली पुलिस इंटरपोल और भारतीय अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए थे।’ इसके साथ ही उन्होंने बताया कि निखलांजे को जल्द ही भारत भेज दिया जाएगा।
वहीं ऑस्ट्रेलियाई संघिय पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि कैनबरा में इंटरपोल ने इंडोनेशिया अधिकारियों को अलर्ट किया था, जिसने कि ‘भारतीय अधिकारियों के आग्रह पर निखलांजे को गिरफ्तार किया गया।’ इंटरपोल की वेबसाइट के मुताबिक, निखलांजे मुंबई का रहना वाला है और वह हत्या और अवैध हथियार रखने एवं उनके इस्तेमाल का आरोपी है।