Faridabad/Alive News : गांव दौलताबाद स्थित डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को तोडऩे पहुंची पुलिस फोर्स व ग्रामीणों में जमकर हिंसक झड़प हुई। पुलिस द्वारा लोगों पर की गई बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज के विरोध में ग्रामीणों ने पुलिस पार्टी पर पथराव किया। इस दौरान गांव के कई लोग सहित पुलिस कर्मचारी भी जख्मी हो गए। देखती ही देखते पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया और स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस भी छोड़ी परंतु प्रशासन द्वारा की गई इस तानाशाही कार्यवाही को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। इस कार्यवाही के विरोध में ग्रामीणों ने अर्धनग्र अवस्था में प्रदर्शन करते हुए संसद के लिए कूच किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव दौलताबाद में डा. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थित है। हुडा विभाग मूर्ति वाली जमीन को अपनी बताता है, जिसको लेकर करीब 2 महीने ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन करके उपायुक्त से शिाकयत दी थी, जिसको लेकर ग्रामीणों को आश्ववासन दिया गया था कि उक्त मूर्ति को अगर स्थानांतरित किया जाएगा तो अलग से जगह दी जाएगी। आज सुबह ग्रामीण बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के समीप सोए हुए थे, तभी हुडा के सम्पदा अधिकारी महावीर प्रसाद के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और मूर्ति को गिराने का प्रयास करने लगा, जिस पर ग्रामीणों ने विरोध जताया और पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ा शुरू कर दिया। मामले की सूचना जैसे ही ग्रामीणों को पहुंची तो भारी संख्या में ग्रामीण वहां पहुंचे, जहां पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस की इस बर्बरतापूर्वक कार्यवाही के विरोध में ग्रामीणों ने भी पुलिस पार्टी पर पत्थरबाजी की। मामला इतना हिंसक हो गया कि भारी पुलिस बल मौके पर बुलाया गया और आंसू गैस छोड़े गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घरों में घुसकर न केवल उनसे मारपीट की बल्कि उनके घरेलू सामान टीवी, फ्रिज तथा घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक एवं उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने भी उन्हें आश्वासन दिया था कि बाबा साहेब की मूर्ति नहीं हटाई जाएगी और अगर हटाई जाएगी तो इसकी एवज में उन्हें स्थान मुहैया करवाया जाएगा। इसके बावजूद आज निर्दाेषों पर जिस प्रकार से पुलिस ने लाठियां भांजी है, उसका जवाब दे उद्योगमंत्री। पुलिस प्रशासन द्वारा की गई इस बर्बरतापूर्वक कार्यवाही के विरोध में गांव के 300-400 सैकड़ों लोगों ने अर्धनग्र प्रदर्शन करते हुए मोदी सरकार मुर्दार्बाद, विपुल गोयल मुर्दार्बाद के नारे लगाते हुए संसद के लिए कूच किया। इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विकास चौधरी एवं राकेश भड़ाना ने ग्रामीणों का समर्थन करते हुए प्रशासन की इस कार्यवाही को पूरी तरह से निंदनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस के मौके पर पूरा देश जहां बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर को नमन कर रहा है वहीं खट्टर सरकार ने आज सोची समझी साजिश के तहत बाबा साहेब की मूर्ति को खंडित यह दर्शा दिया कि भाजपा नेताओं के मन में देश के महापुरूषों के प्रति कितना सम्मान है! और निर्दाेष ग्रामीणों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करके यह दिखला दिया कि वह दलित विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर देश के महापुरूष है और लोगों के प्रेरणास्त्रोत है, ऐसे में संविधान दिवस पर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बर्बरता कार्यवाही ने लोगों की भावनाएं पूरी तरह से आहत की है। श्री चौधरी ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी खट्टर सरकार में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं हो चुकी है, जिसमें सुनपेड दलित उत्पीडऩ में तो बकायदा राहुल गांधी व अशोक तंवर पहुंचकर भाजपा सरकार की किरकिरी की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रशासन के इस कृत्य की पुरजोर भत्र्सना करती है और मांग करती है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्यवाही की जाए।