पठानकोट : पाकिस्तान की पांच सदस्यीय संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने 2 जनवरी के आतंकी हमले की जांच के सिलसिले में आज भारतीय अधिकारियों के साथ पठानकोट वायुसेना स्टेशन के ‘चुनिंदा’ क्षेत्रों को देखा। बस में आई टीम को वायुसेना स्टेशन के पीछे की ओर से ले जाया गया क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी :आप: के कार्यकर्ता इसके दौरे के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (आतंकवाद रोधक विभाग) मुहम्मद ताहिर राय के नेतृत्व में पाकिस्तानी टीम पहले अमृतसर स्थित श्री गुरू रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरी और फिर कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से पठानकोट के लिए रवाना हुई। अधिकारियों ने बताया कि जेआईटी ने पठानकोट वायुसेना स्टेशन में चुनिंदा क्षेत्रों को देखा जहां 80 घंटे से अधिक समय तक मुठभेड़ चली थी। इसमें कम से कम चार आतंकवादी मारे गए थे और सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
संवेदनशील जगहों पर शामियाने
इसके लिए एयरबेस में सफेद, लाल और पीले रंग के शामियाने लगाए गए हैं ताकि संवेदनशील इलाकों को ढंका जा सके। सोमवार को टीम ने एनआईए के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
एनआईए के अधिकारियों ने मुलाकात में जांच में इकट्ठा सबूतों को पाकिस्तानी टीम के सामने पेश किया। ख़बर यह भी है कि भारत सरकार पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर की आवाज के नमूने मांग सकती है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने पाकिस्तानी जांच दल में ISI के अधिकारी के होने पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि उसे यहां आने की इजाजत कैसे मिली?
अरविंद केजरीवाल ने साधा निशाना
वहीं पठानकोट हमले की जांच को लेकर भारत आए पाकिस्तानी जांच दल का विरोध करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान के आगे घुटने टेक दिए हैं। केजरीवाल ने कहा कि ISI को बुलाकर मोदी सरकार ने शहीदों की शहादत की सौदेबाजी की है। भारत के लोग ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।