November 24, 2024

देहरादून में दिखे संदिग्ध लोग खुफिया एजेंसियां सतर्क, तलाश जारी

देहरादून: देहरादून में मंगलवार को एक सीसीटीवी फुटेज में 8 संदिग्ध लोग देखे गए हैं। सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है। पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, भुवनेश्वर में चार व्यक्तियों पर आतंकवादी होने का संदेह व्यक्त किया गया है। चारों व्यक्ति के लापता होने के मद्देनजर ओडिशा में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है।

गणतंत्र दिवस के दिन एक संदिग्ध आतंकी की मौजूदगी वाला एक सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने सरगर्मी से उसकी तलाश शुरू कर दी। पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है।

प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से यह सीसीटीवी फुटेज व्हाटसएप जैसी सोशल मैसेंजर मोबाइल एप पर जारी भी किया गया है और लोगों से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है ताकि उसकी तलाश जल्द की जा सके। पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने बताया कि इस सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध आतंकी के साथ सात-आठ अन्य लोग भी दिखायी दे रहे हैं लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे उसके सहयोगी हैं या अन्य कोई।

इस सीसीटीवी फुटेज के बारे में यह पता नहीं चल पाया है कि यह कहां का है और पुलिस को किस प्रकार मिला। इस संबंध में संपर्क किये जाने पर उत्तराखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था अनिल रतूड़ी ने इस प्रकरण पर सुरक्षा कारणों से कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

संदिग्ध की मौजूदगी की खबरों के चलते पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है और केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों मे सुरक्षा और चौकसी बढा दी गयी है।

भुवनेश्वर में देखे गए चार संदिग्ध, तलाश जारी
पुलिस ने बताया कि सोमवार रात छह फुट से कुछ अधिक ऊंचे चार लोग एक कार में होटल में पहुंचे। ये लोग हिंदी या अंग्रेजी बोल रहे थे और उनकी कार का रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली का था जो बाद में फर्जी पाया गया।

पुलिस महानिदेशक केबी सिंह ने कहा, ‘पुलिस के वहां पहुंचने से पहले चारों लोग होटल से भाग चुके थे। वे आतंकवादी हो सकते हैं। चारों संदिग्ध आतंकवादियों ने इराक के नागरिक होने का दावा किया था।’ सिंह ने कहा, ‘वे दिल्ली के नंबर प्लेट वाली कार से आए थे। बहरहाल, कार की पंजीयन संख्या के सत्यापन से पता चला कि यह जाली है।’ चार संदिग्धों में से एक के साथ बात करने वाले होटल मैनेजर शिव नारायण महापात्र ने कहा, ‘उनमें से एक होटल के रिसेप्शन डेस्क पर आया, तीन अन्य बाहर पार्क की गई कार के अंदर थे। सीसीटीवी ने एक संदिग्ध आतंकवादी और उस कार की तस्वीर ली है जिसे उन्होंने इस्तेमाल किया था।’

पुलिस आयुक्त आर पी शर्मा ने बताया कि चारों व्यक्ति सोमवार रात करीब 9 बजे होटल में ठहरने आए थे, लेकिन कमरे देने से पहले जब उनसे पहचान का सबूत पेश करने के लिए कहा गया तो वे भाग निकले। शर्मा ने कहा, ‘चार व्यक्ति होटल आर्य महल में दो कमरे चाहते थे।’ उन्होंने बताया कि पुलिस को यह सूचना होटल के कर्मचारियों से मिली जिन्हें उन लोग की गतिविधियों पर संदेह हुआ था।

पुलिस ने होटल का सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया।
शर्मा ने कहा, ‘घटना के आलोक में, मुख्यमंत्री के कारों के काफिले की सुरक्षा बढ़ा दी गई। हम कोई कोर-कसर नहीं रखना चाहते हैं और सुरक्षा तथा जांच बढ़ा दी है।’ पुलिस की अपराध शाखा के महानिरीक्षक अरूण बोथरा के नेतृत्व में विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने मामले की जांच शुरू कर दी है और चारों लोगों का पता चलाने के लिए अभियान छेड़ दिया है।

इस दल ने लापता हुए संदिग्ध आतंकवादियों का पता लगाने के लिए विभिन्न होटलों और लॉजों की तलाशी ली। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम निश्चित नहीं हैं कि क्या वे चारों लोग अब भी राज्य की राजधानी में हैं या नहीं हैं। सुरक्षा कर्मी मास्टर कैंटीन क्षेत्र से लगी विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी की जांच कर रहे हैं।’ पुलिस ने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो उसकी सूचना उन्हें दें।

ओडिशा पुलिस ने आज शाम वाहन तथा एक संदिग्ध की सीसीटीवी कैमरें में कैद हुई तस्वीरें जारी कीं। पुलिस आयुक्त ने बताया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट कर दिया गया है और पुलिस ने राज्य की राजधानी में सुरक्षा तथा जांच कड़ी कर दी है। इसके अलावा भुवनेश्वर के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं को सील कर दिया गया है।

शर्मा ने बताया कि पुलिस को आशंका है कि यह गणतंत्र दिवस समारोह में बाधा डालने की साजिश थी क्योंकि संदिग्ध व्यक्ति जिस होटल में ठहरना चाहते थे वह महात्मा गांधी मार्ग स्थित राज्य स्तरीय परेड स्थल से मुश्किल से 300 मीटर दूर है।

उन्होंने बताया ‘‘कल रात चारों संदिग्ध व्यक्तियों के नदारद होने के बाद से हमने सुरक्षा कड़ी कर दी है।’’ विशेष कार्य बल ने होटल के कर्मियों से तथा उन लोगों से पूछताछ की जिन्होंने संदिग्ध व्यक्तियों से बात की थी।