November 15, 2024

तेवर के आगे बेबस नजर आई पुलिस, कुछ यूं जान बचाकर भागे अफसर​

मेरठ 4 मई : राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह के बंदियों के तेवर के आगे पुलिस और प्रशासन बेबस नजर आया। सोमवार देर रात शुरू हुआ बंदियों का बवाल मंगलवार तक चलता रहा। पूरे बवाल की डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं।

13 बाल बंदी हुए थे फरार
– मामला शांत होने के बाद अधिकारियों ने उनसे बात की।
– इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार ने बताया, रात में बवाल के दौरान 13 बाल बंदी फरार हो गए थे।
– जिनमें से 3 बाल बंदी रात में ही पकड़ लिए गए थे, जबकि 10 को मंगलवार सुबह पकड़ कर वापस लाया गया।
– बाल बंदियों के उग्र तेवर देख अधिकारी सहमे थे। वह छत से बेखौफ होकर पत्‍थरबाजी कर रहे थे।
– यही नहीं बंदी रसोई गैस के छोटे सिलेंडर लेकर बैठे थे और आग लगाने की धमकी दे रहे थे।
– साथ ही पानी के पाइप तोड़कर उसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।

15 घंटे तक बंदियों के कब्‍जे में रहा बाल संप्रेक्षण गृह
– डीएम पंकज यादव ने बाल संप्रेक्षण गृह में हुए बवाल की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं।
– मजिस्ट्रीयल जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार को नामित किया गया है।
– जांच अधिकारी से डीएम ने पूरे प्रकरण की 15 दिन के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट मांगी है।
– बता दें, सोमवार देर रात करीब 11 बजे शुरू हुआ बवाल मंगलवार दोपहर दो बजे के बाद तक चलता रहा।
– इस दौरान करीब 15 घंटे बाल संप्रेक्षण गृह पूरी तरह बाल बंदियों के कब्जे में रहा।
– किसी अधिकारी की हिम्मत संप्रेक्षण गृह के अंदर घुसने की नहीं हुई।
– अगर कोई अधिकारी अंदर आने की हिम्मत करता था तो उस पर बंदी छत से पत्‍थर से हमला कर देते थे।