New Delhi/Alive News : बहुचर्चित तीन तलाक बिल को मोदी सरकार ने लोकसभा में तो आसानी से पास करवा लिया. लेकिन, अब राज्यसभा में इसे पास करवाने के लिए सरकार को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. राज्यसभा में आते ही कांग्रेस समेत विपक्ष ने आंकड़े की ताकत दिखाई और सरकार बैकफुट पर आ गई. बुधवार को बिल पेश तो हुआ, लेकिन चर्चा शुरू नहीं हो सकी. अब गुरुवार को सरकार फिर इस बिल को पास करवाने की जोर-आजमाइश करेगी.
राज्यसभा में सरकार के पास संख्या है नहीं और विपक्ष अपने इस रुख पर कायम है कि जो बिल सरकार पास कराना चाहती है उसमें तमाम खामियां हैं और उसको सलेक्ट कमेटी के पास भेजी जाने की सख्त जरूरत है. सरकार के पास इस बिल को पास कराने के लिए सिर्फ 2 दिनों का समय है. शीतकालीन सत्र 5 जनवरी को खत्म हो रहा है. उससे पहले सरकार को जरूरी जीएसटी संशोधन बिल भी पास कराना है, जो लोकसभा में पास हो चुका है.
सरकार बनाम विपक्ष
बुधवार को राज्यसभा में बिल पास करा पाने में असफल होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अप्रत्यक्ष तरीके से ट्रिपल तलाक बिल का विरोध कर रही है. वो चाहते तो इस पर कोई सुझाव दे सकते थे, लेकिन वो सिर्फ इसको टालने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि आज संसद के लिए एक सुनहरा मौका था कि सालों से मुस्लिम महिलाओं पर जो अन्याय हो रहा है उसे ठीक किया जाए. लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे नहीं होने दिया. देश के लोगों की जो इच्छा है वह हो कर रहेगी.
जेटली की बातों से यह बात साफ था कि सरकार गुरुवार को फिर से इस बिल को पास कराने की कोशिश कर सकती है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि आज लोगों ने देख लिया है कि कौन लोग मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने के रास्ते में रोड़े अटका रहे हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार अपनी तरफ से इस बिल को जल्द से जल्द पास कराने के लिए पूरी ताकत लगाएगी.
राज्यसभा में बिल पेश होने के बाद विपक्ष की ओर से दो संशोधन पेश किए गए. जेटली ने ये कहकर इन संशोधनों का विरोध किया कि कांग्रेस परंपरा का पालन नहीं कर रही है और संशोधन के लिए 24 घंटे पहले सूचना देनी होती है लेकिन तीखी बहस के बाद उपसभापति पी जे कुरियन ने इस संशोधनों को वैध माना. इसके बाद विपक्षी सदस्य इन संशोधनों पर वोटिंग की मांग करने लगे लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से कुछ सदस्य हंगामा करने लगे. इसपर चेयर ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.
लोकसभा में हो चुका है पास
आपको बता दें कि बिल का दोनों सदनों में पास होना जरूरी है, उसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. लोकसभा में यह बिल 28 दिसंबर को पेश किया गया था जो 7 घंटे तक चली बहस के बाद पास हो गया था. बहस के बाद कई संशोधन भी पेश किए गए, लेकिन सदन में सब निरस्त कर दिए गए. इनमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भी 3 संधोधन थे.