March 29, 2024

ध्यान कक्ष के दर्शन करने आए लोगों ने जाना जीवन और मरण का सत्य

Faridabad/Alive News: ध्यान-कक्ष में उपस्थित लोगों को आज समझाया गया कि संसार में दो प्रकार की वस्तुए हैं- एक नाशवान, दूसरी अविनाशी। सभी प्राणियों के शरीर नाशवान हैं लेकिन उस में स्थित आत्मा अविनाशी है। शरीर-जाति, कुल, अवस्था व देशकाल बद्ध है यानि अन्तत: विनाश को प्राप्त होने वाला है, लेकिन आत्मा शरीर के नाश होने पर भी नष्ट नहीं होती, वह पर-काया प्रवेश कर जाती है और अजर-अमर कहलाती है।

इस महत्ता के दृष्टिगत आप भी नश्वर पदार्थों का मोह त्याग कर अपनी आत्मा की अजरता अमरता की पहचान करो। जानो अपनी आत्मा की अजरता-अमरता को पहचानने वाला व्यक्ति कर्म करने वाला सच्चा योगी कहलाता है इसलिए सदा निष्काम कर्म करता है और इस तरह अपनी ज्ञान की अग्नि में अज्ञानता का नाश करने में सक्षम हो जाता है।

यही अमरता की चरम सिद्धि है। इस चरम सिद्धि की प्राप्ति हेतु फिर कह रहे हैं समभाव-समदृष्टि की सशक्त युक्ति व शब्द ब्रह्म विचारों को अमल में लाओ। इस तरह अमरत्व के भाव अनुसार इस जगत में विचरते हुए उच्च बुद्धि, उच्च ख़्याल हो जाओ और नौजवान युवावस्था को धारण कर मौत के भय से आजाद हो जाओ यानि मृतलोक पर फतह पा श्रेष्ठ मानव कहलाओ। जानो इसी कार्य की सिद्धि हेतु समभाव समदृष्टि का स्कूल खोला गया है।