April 20, 2024

अब जल्द ही ‘सुधार परीक्षा’ से सुधरेंगे छात्रों के अंक

Poonam Chauhan/Alive News

Faridabad : 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने के साथ सभी राज्य अब इंप्रूवमेंट एग्जाम भी कराएंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस संबंध में की गई अहम सिफारिश के बाद शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को इंप्रूवमेंट एग्जाम कराने की सलाह दी है। इसे शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अमल में लाने का लक्ष्य भी दिया है। यह मौका उन छात्रों को मिलेगा जो 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में एक या दो विषयों में फेल हुए हों या किन्हीं एक व दो विषयों में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं है और फिर से परीक्षा देकर उसमें सुधार करना चाहते हों।

शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल तब की है, जब असम जैसे राज्य के स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षाएं बंद कर दी है। दूसरे कई राज्यों में यह कंपार्टमेंट परीक्षाएं सिर्फ 12वीं के छात्रों के लिए आयोजित कराई जाती है। फिलहाल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सहित ज्यादातर राज्य 10वीं व 12वीं में छात्रों को अंक सुधार के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा में हिस्सा लेने का विकल्प दे रहे हैं।

मंत्रालय ने साथ ही सीबीएसई सहित राज्यों का यह सुझाव भी दिया है कि वह कंपार्टमेंट परीक्षा की जगह उसे सुधार (इंप्रूवमेंट) परीक्षा नाम दें। क्योंकि यह परीक्षा छात्र अपने अंकों में सुधार के लिए ही देते हैं। साथ ही एक ही नाम से प्रयोग से देश भर में एकरूपता आएगी। मंत्रालय प्रत्येक कक्षा में छात्रों को अंक सुधार का एक मौका देने की तैयारी में भी है।

प्रत्येक कक्षा में अंक सुधार का मौका देने की तैयारी
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की सिफारिश के बाद शिक्षा मंत्रालय छात्रों को राहत देने की एक और बड़ी तैयारी में जुटा है। इसमें प्रत्येक कक्षा में छात्रों को अंक सुधार का एक मौका दिया जा सकता है। इसका मकसद किसी भी कक्षा में छात्रों को फेल होने से बचाने का है। यही वजह है कि मुख्य परीक्षा में यदि कोई छात्र फेल हो जाता है या फिर वह अपने अंको में सुधार लाना चाहता है तो उसे यह विकल्प दिया जा सकता है।

होना चाहिए क्राइटेरिया तय
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी ओवरऑल विद्यार्थियों के हित में है। लेकिन सुधार का भी एक क्राइटेरिया होना चाहिए। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से पहले जो हमारे यहां शिक्षा का पतन हुआ है उसका यही कारण था कि पांचवी और आठवीं का बोर्ड खत्म कर दिया गया और अब कम नंबर होने पर भी छात्रों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत प्रमोट किया जा रहा है। प्रमोट करने के लिए भी एक क्राइटेरिया तय होना चाहिए, बेसिक जरूर होना चाहिए कि आप इतने नंबर लें तो ही आप को प्रमोट किया जाएगा।

  • संदीप चौहान, प्रेसिडेंट हसला फरीदाबाद।