April 25, 2024

हरियाणा सरकार उठाएगी कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी : ग्रहमंत्री

Chandigarh/Alive News : कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में एक मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार अनाथ हुए बच्चों को उज्जवल भविष्य देने के साथ उनका उचित पालन- पोषण हो और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा उत्पन्न हो, उसके लिए राज्य सरकार द्वारा ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसकी जानकारी हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने दी।

उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कोरोना आपदा के कारण जो बच्चे अपने माता-पिता के प्यार से वंचित हो चुके है और उन बच्चों की देखभाल परिवार के अन्य सदस्य कर रहे हैं, ऐसे बच्चों के पालन पोषण के लिए 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति मास की दर से राज्य सरकार की ओर से संबंधित परिवार को दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 18 वर्ष तक की आयु होने तक पढ़ाई कर रहे ऐसे बच्चों को 12 हजार रुपये प्रति वर्ष अन्य खर्चों के लिए भी दिए जाएंगे।

जिन बच्चों के देखभाल करने के लिए परिवार का कोई सदस्य नहीं है, उनकी देखभाल ‘बाल देखभाल संस्थान’ करेंगे। आर्थिक सहायता के रूप में 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीना 18 वर्ष की आयु होने तक राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए जाएंगे। यह राशि आवर्ती जमा के रूप में बैंक खाते में डाल दी जाएगी और 21 वर्ष की आयु होने पर बच्चे को मैच्योरिटी राशि दे दी जाएगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज हरियाणा भवन की कैंटीन का निरीक्षण करने पहुंचे। विज के कैंटीन पहुंचने से वहां काम करने वाले स्टाफ में हड़कंप मच गया। विज कैंटीन परिसर में खाना खाने वाले लोगों का हालचाल पूछने पहुंचे थे। दरअसल, उन्हें शिकायत मिली थी कि कैंटीन में पांच एसी लगने के लिए आए हैं लेकिन अब तक लगे नहीं हैं। इसके चलते लोगों को गर्मी में खाना खाना पड़ता है। वेंटिलेशन न होने के कारण कर्मचारियों का पसीना टपकता है और उसी में खाना बनाना पड़ता है। अब इस मामले में किसी भी समय जांच बैठ सकती है।