April 20, 2024

अलाइव न्यूज़ एजुकेशन वर्कशॉप : अध्यापक के लिए ज्ञान व विज्ञान दोनो की आवश्यकता

Faridabad/Alive News : अध्यापक आचार्य तभी बन सकता है जब उसे विषयों का पूर्ण ज्ञान हो। अधूरा ज्ञान से भी अध्यापक आचार्य नही बन सकता बल्कि विद्यार्थी का जीवन खराब कर सकता है। अध्यापक को विद्यार्थी के ज्ञान और विज्ञान दोनो विषयों पर काम करने की आवश्यकता है। जिससे विद्यार्थी का विकास हो सकता है। यह व्यक्तव्य अलाइव न्यूज़ द्वारा सेक्टर-37 स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल में आयोजित अध्यापक की देश, समाज और विद्यार्थी के प्रति भूमिका पर प्रशिक्षण सेमिनार में अध्यापक को संबोधित करतें हुए प्रोफेसर एवं सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉक्टर जगदीश चौधरी ने कहे।

उन्होनें कहा कि पहले शिक्षा पद्धति गुरूकुलों मे चलती थी। लेकिन उस समय चलाने वाले आचार्य होते थे। आज भी भारत में एक दर्जन के करीब गुरूकुल चल रहे है। जहां पर एक वातावरण तैयार कर विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती है। जगदीश चौधरी ने कहा कि कोई भी विषय बिना ऑबजेक्टिव के नही पढाया जा सकता यदि कोई ऐसा विषय होगा तो उसे किताब से हटाने की जरूरत है। अध्यापक का समाज में उच्च दर्जे का स्थान है। उन्होंने यह भी कहा कि अध्यापक बनने से पहले विभिन्न सिद्धातों और शिक्षण प्रणाली के साथ विषयों को ध्यान में रख कर चलना होगा।

पहले अध्यापक का सेल्फ डिसिप्लिन होने की जरूरत है। उसके बाद ही विद्यार्थी और समाज डिसिप्लिन में रहकर अध्यापक से बातचीत कर सकता है। डॉ. जगदीश ने कहा कि अगर अध्यापकों को विद्यार्थी के बारे में जानना है तो उन्हे साइकोलॉजी  विषयों को पढना जरूरी है। हालाकिं बी.एड के दौरान प्रशिक्षु अध्यापकों को साइकोलॉजी पढाई जाती है। जिससे कि वह विद्यार्थी के मन में चल रहे कारणों को समझ सके। सेमिनार में मॉडर्न पब्लिक स्कूल के चैयरमेन एस. एन. गुप्ता एवं डायरेक्टर भास्कर गुप्ता ने भी अध्यापकों को संबोधित किया। उन्होनें कहा कि अलाइव न्यूज़ द्वारा जो स्कूलों के अध्यापकों को जागरूक करनें का काम किया हुआ है व सराहनीय है।

उन्होनें यह भी कहा कि बाला जी कॉलेज के डायरेक्टर एवं प्रोफेसर डॉ. जगदीश ने सेमिनार के दौरान उन महत्तवपूर्ण विषयों पर जानकारी दी  है जो आज के अध्यापक को वास्तविकता में अपनाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल कादम्बरी झा ने डॉक्टर जगदीश व अलाइव न्यूज़ के सम्पादक तिलकराज शर्मा को प्लांट भेंट कर स्वागत किया और सेमिनार के लिए स्कूल की ओर से धन्यवाद किया।